हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का हुआ सफल परिणाम, राजनाथ सिंह बोले ये एक ऐतिहासिक उपलब्धि

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बार फिर नई जीत हासिल की है। भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। भारत ने स्वदेशी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमांस्ट्रेटर व्हीकल का सफल परीक्षण किया है। इसके साथ ही भारत की अगली सफलता यह है की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने की तकनीक को हासिल करना, क्योंकि यह फिर दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जो अभी तक इस तकनीक में है। यह तकनीक अभी तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी जो अब भारत के पास है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एचएसटीडीवी का विकास किया है, जो हाइपरसोनिक प्रणोदक तकनीक पर आधारित है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीआरडीओ ने सोमवार को सुबह ओडिशा के बालासोर तट के पास व्हीलर द्वीप पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लांच कांप्लेक्स से इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने इसे महत्वपूर्ण तकनीक सफलता करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो चुका है, जिन्होंने इस तकनीक का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल की बात करे तो यह एक सेकंड में दो किमी की गति तय करती है।

मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के दौरान यह आवाज से छह गुना ज्यादा तेज की गति यानी दो किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से दूरी तय की और 20 सेकेंड तक हवा में रहा।इसकी सहायता से लंबी दूरी तय करने वाले मिसाइल सिस्टम को विकसित किया जा सकता है। इस तकनीक की सहायता से कम लागत पर अंतरिक्ष में उपग्रह भी लांच किया जा सकता है। साथ ही इस तकनीक पर आधारित मिसाइल से दुनिया के किसी भी कोने में दुश्मन के ठिकानों को घंटे भर के भीतर में निशाना बनाया जा सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा यह “ऐतिहासिक उपलब्धि” है आत्म निर्भर की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा , “मैं डीआरडीओ को पीएम के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने वाली इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई देता हूं। मैंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े विज्ञानियों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।”

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