वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ का निधन, बेटी ने भावुक पोस्ट लिख INSTA पर दी जानकारी

मल्लिका दुआ ने इन्स्टाग्राम पर दी पिता विनोद दुआ की निधन की खबर

नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ का आज निधन हो गया. विनोद दुआ काफी समय से बीमार चल रहे थे. इस बात की जानकारी विनोद की बेटी मल्लिका दुआ ने अपने इन्स्टाग्राम पर दी हैं. उन्होंने बताया कि उनका अंतिम संस्कार कल किया जाएगा.

मल्लिका दुआ ने इंस्टाग्राम पर लिखा, हमारे निर्भीक और असाधारण पिता विनोद दुआ का निधन हो गया है. उन्होंने शानदार जिंदगी को जिया, दिल्ली की एक शरणार्थी कॉलोनी में पले-बढ़े और 42 साल तक पत्रकारिता की दुनिया में में खूब नाम कमाया, वह हमेशा सच की आवाज उठाते रहे. अब वह हमारी मां के साथ हैं, उनकी पत्नी चिन्ना स्वर्ग में हैं जहां वे गाएंगे, खाना बनाएंगे और एक साथ यात्रा करेंगे. वहीं उनका अंतिम संस्कार कल लोधी श्मशान घाट में होगा.

मल्लिका दुआ

मल्लिका ने दी थी तबीयत बिगड़ने की जानकारी

बता दें अभी हाल ही में मल्लिका ने विनोद की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया था. उनकी बेटी मल्लिका दुआ ने विनोद की हालत गंभीर होने की जानकारी दी थी. मल्लिका ने अपने इंटाग्राम पर इमोशनल पोस्ट लिखते हुए कहा था कि उनके पिता की हालत गंभीर है, उनके लिए दुआ करें कि उन्हें कम से कम तकलीफ हो.

कोरोना से हुई थी विनोद दुआ के पत्नी की मौत

इससे पहले कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान विनोद और उनकी पत्नी चिन्ना दुआ कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद उनकी चिन्ना की मौत हो गई थी.  67 साल के विनोद मीडिया में एक जाना पहचाना नाम थे. वह दूरदर्शन के लिए भी काम कर चुके थे. 19 96 में वो पहले इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पत्रकार थे.

हिंदी और अँग्रेज़ी दोनों भाषाओं पर दुआ साहब की पकड़ अद्भुत थी. प्रणय रॉय के साथ चुनाव कार्यक्रमों में उनकी ये प्रतिभा पूरे देश ने देखी और उसे सराहा. त्वरित अनुवाद की क्षमता उन्हें उनकी ऐंकरिंग को एक पायदान और ऊपर पहुँचा दिया.

बिना टीपी के ऐंकरिंग में थी महारथ

अपवाद को छोड़ दें तो वे हिंदी के कार्यक्रम करते रहे और अपनी पहचान को हिंदी के ऐंकर के रूप में कायम रखा. उनमें इस बात को लेकर कमतरी का एहसास बिल्कुल भी नहीं था कि वे हिंदी में काम कर रहे हैं. इस तरह उन्हें हिंदी को लोकप्रियता और प्रतिष्ठा दिलाने वाले शख्स को तौर पर भी याद ऱखा जाएगा.

हालाँकि वे ख़ुद को ब्रॉडकास्टर यानी प्रसारक बताते थे और कहते थे कि पत्रकार नहीं हैं. मगर इसमें आंशिक सच्चाई ही थी. दूरदर्शन के शुरुआती दौर में ख़बरें पढ़ने वाले अधिकांश ऐंकरों का पत्रकारिता से कोई वास्ता नहीं होता था. वे टेलीप्राम्पटर (टीपी) पर लिखा ही पढ़ना जानते थे. इसके उलट विनोद दुआ को टीपी की ज़रूरत ही नहीं होती थी. वे मिनटों में अपने दिमाग़ में तय कर लेते थे कि क्या बोलना है कैसे बोलना है. इसीलिए वे लाइव प्रसारण के उस्ताद थे.

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