जानिए क्‍या है पंडित नेहरू के जन्‍मदिन बाल दिवस का इतिहास और महत्‍व

 चिल्‍ड्रेंस डे अथवा बाल दिवस पूरे देश में 14 नवंबर को मनाया जाता है. यह दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती का प्रतीक है. बच्चों द्वारा प्यार से चाचा नेहरू कहे जाने वाले देश के प्रधानमंत्री ने बच्चों की सर्वांगीण शिक्षा की वकालत की जिससे भविष्य में एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके. जवाहरलाल नेहरू बच्चों को राष्ट्र की असली ताकत और समाज की नींव मानते थे.

Children’s Day History: पंडित नेहरू की मृत्यु से पहले, भारत में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था. संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व बाल दिवस के रूप में इसी दिन को चिन्हित किया गया था. नेहरू की मृत्यु के बाद, उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस की तारीख के रूप में चुना गया था. 1964 में नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में चिह्नित करने के लिए भारतीय संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया था.

Children’s Day Significance: बाल दिवस का उद्देश्य पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देने के अलावा बच्चों के अधिकारों, देखभाल और शिक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ाना भी है. जवाहरलाल नेहरू के शब्दों में, “आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे. जिस तरह से हम उन्हें पालेंगे, वही देश का भविष्य तय करेगा.”

बाल दिवस मनाने के लिए स्कूल खेल आयोजन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और अन्य गतिविधियों का आयोजन करते हैं. इस दिन को खास बनाने के लिए बच्चों को खिलौने, मिठाई और उपहार भेंट किए जाते हैं. बाल दिवस 2021 का उत्सव और भी खास होगा क्योंकि बच्‍चे महीनों बाद स्कूल लौटे हैं. COVID-19 लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने के बाद अब बच्‍चे दोबारा स्‍कूल जाना शुरू हुए हैं.

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