अखिलेश यादव के विरोधी नेता का उन्हीं के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने छोड़ा साथ, जानिए पूरी बात!

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आज एक बार फिर बलिया में सुभासपा को तगड़ा झटका लगा.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आज एक बार फिर बलिया में सुभासपा को तगड़ा झटका लगा. 25 से अधिक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की पार्टी को अलविदा कह दिया. उन्होंने सुभासपा के झंडे और बैनर को जल प्रवाह करने की भी धमकी दी. पार्टी छोड़नेवाले कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा देते हुए महेंद्र राजभर और डॉक्टर बलिराम राजभर को समर्थन देने का एलान किया. पीडब्लूडी गेस्ट हाउस पर आज गहमागहमी का माहौल देखा गया.

सुभासपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इकट्ठा होकर ओम प्रकाश राजभर मुर्दाबाद के नारे लगाए. बड़े पैमाने सामूहिक इस्तीफे के बाद सुभासपा नेता बड़ेलाल चौहान ने ओम प्रकाश राजभर को अवसरवादी नेता बताया. उन्होंने ओम प्रकाश राजभर के अनाप-शनाप बयान देने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी प्रमुख किसी को ऊल जलूल बोलते रहते हैं. इसलिए हम सभी लोगों ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला किया. उन्होंने ओम प्रकाश राजभर पर दलितों और पिछड़ों को लड़ाने का आरोप लगाया.

 

25 नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी का छोड़ा साथ

 

उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को हिस्सेदारी दिलाने के नाम पर ओम प्रकाश राजभर राजनीति करते हैं. इसलिए हम सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता महेंद्र राजभर और डॉ बलराम राजभर के समर्थन में इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजा सुहेलदेव (Raja Suheldev) के विचारों को हम लोगों ने दिल से लगाकर चलने का काम किया है. अब हमलोग सम्मान से समझौता नहीं करेंगे. आपको बता दें कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने सोमवार को सुभासपा से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद महेंद्र राजभर ने पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को आड़े हाथों लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि ओम प्रकाश राजभर मनमाने तरीके से फैसला लेते हैं. इस साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सुभासपा ने समाजवादी पार्टी (SP) से मिलकर लड़ा था. अनबन के बीच पिछले महीने दोनों दल अलग अलग हो गए थे.

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