Delhi : राशन लेने के दौरान फिंगर प्रिंट ही नहीं, बुजुर्गों का नहीं मैच हो रहा रैटिना

नई दिल्ली :  ई-पोस द्वारा राशन वितरण करने के दौरान नेटवर्किंग संबंधी परेशानियों की बातें लगातार सामने आ रही हैं। वही पायलेट प्रोजेक्ट में एक समस्या और भी सामने आई कि बुजुर्गों का फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुआ, ऐसे में विभाग ने आयरिश मशीनें वितरित कीं ताकि सौ फीसदी वितरण प्वाइंट आॅफ सेल डिवाइज के माध्यम से सफल हो पाए लेकिन अब विभाग के सामने सबसे बडी परेशानी बुजुर्गों के रैटिना मैच नहीं होने की आ रही है।

पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जिन दुकानों पर ई-पोस की मशीनें लगाई गई, उनमें से कुछ कोटाधारकों से प्वाइंट आॅफ सेल डिवाइज द्वारा वितरण के दौरान आने वाली परेशानियों के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों के सामने आ रही है क्योंकि उम्र अधिक होने की वजह से उनके फिंगर प्रिंट मैच नहीं हो रहे। वहीं कई महिलाओं की अंगुलियों पर कटने या मेंहदी लगाने से भी फिंगर प्रिंट मैच की समस्या सामने आई।

लेकिन उन्हें आयरिश मशीनों से रैटिना मैच कर राशन दे दिया गया। इसमें भी कई बुजुर्ग जिन्होंने आंखों का आॅपरेशन करवाया है या अधिक उम्र होने से आंखों में अन्य परेशानियां होने की वजह से रैटिना मैचिंग नहीं हो पाई। हालांकि फिलहाल विभाग द्वारा इन परिस्थितियों में मैन्यूअली राशन वितरण के लिए कहा गया है पर लगातार ऐसी दिक्कतें आने पर यदि कोटाधारक लगातार ऐसे लोगों को मैन्युअली राशन वितरित करते हैं तो कहीं कोटाधारकों पर उंगली ना उठे इसे लेकर वो संशय में है।

भीड भी बन रही है परेशानी का सबब
कोटाधारकों का कहना है कि राशन की दुकान से खाद्यान्नों का राशन वितरण शुरू होने के दौरान लंबी-लंबी कतारें दुकानों पर लग जाती है। ऐसे में नेटवर्क की समस्या से यदि कुछ देर के लिए ंवितरण पर ब्रेक लगता है तो भीड कोटाधारकों से लडने पर उतारू हो जाती है। जिससे कोटाधारक काफी परेशान है।

पहले करीब 18 से 20 फीसदी को मिली थी मैन्यूअल राशन की मंजूरी
साल 2018 में जब ई-पोस मशीनों द्वारा राशन वितरण प्रारंभ किया गया था, तब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा विकट परिस्थितियों में 18 से 20 फीसदी प्रत्येक राशन की दुकान से मैन्यूअली राशन वितरण करने को मंजूरी दी गई थी। ताकि अगर फिंगर प्रिंट मैच ना हो तो मैन्यूअली राशन, राशनकार्डधारी प्राप्त कर सकें। लेकिन इस बार कितना राशन मैन्यूअली कोटाधारक बांट सकते हैं इसकी जानकारी उन्हें अभी तक नहीं दी गई है।

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