न्यायपालिका में बड़ी घटना, चेन्नई हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश ने इसलिए दिया इस्तीफा

मद्रास हाई कोर्ट(Madras High Court) के मुख्य न्यायाधीश विजया के. ताहिलरमानी(Vijaya K Tahilramani) ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम के मेघालय उच्च न्यायालय(Meghalaya High Court) के स्थानांतरित करने के आदेश पर पुनर्विचार की याचिका दायर की थी। सर्वोच्च न्यायलय(Supreme Court) ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

शुक्रवार रात चेन्नई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजया के. ताहिलरमानी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(Ramnath Kovind) को अपना इस्तीफा सौंपा। इसकी एक प्रति उन्होंने भारत के प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई को भी भेजी। न्यायमूर्ति गोगोई के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने ताहिलरमानी को मेघालय उच्च न्यायालय भेजने के आदेश दिए थे। इसके बाद ताहिलरमानी ने उनके इस आदेश पर पुनर्विचार की याचिका दायर की थी। हालांकि उच्च न्यायलय ने उनकी इस याचिका को ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कॉलेजियम के फैसले का विरोध भी किया था। कॉलेजियम ने मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल का तबादला मद्रास हाई कोर्ट करने की सिफारिश भी की थी।

गौरतलब है कि पिछले साल आठ अगस्त को ही मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। इससे पहले न्यायमूर्ति ताहिलरमानी को 26 जून 2001 को बंबई हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। दो अक्टूबर 2020 को न्यायमूर्ति विजया के. ताहिलरमानी रिटायर होने वाली थी। हालांकि अब कॉलेजियम ने 28 अगस्त को उनका तबादला करने की सिफारिश की, जिसपर पुनर्विचार करने का उनका अनुरोध ठुकराए जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। शीर्ष अदालत के कॉलेजियम में जस्टिस एन. वी. रमन, जस्टिस एस. ए बोबडे, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस आर. एफ नरीमन शामिल थे।

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