जबलपुर दंगा सुलगाने की रची गई थी साजिश:ईद से पहले हुई बैठक में स्क्रिप्ट लिखी गई थी, सीएए के समय भी कराया था बवाल

मछली मार्केट में बवाल करने वाले 24 पर नामजद एफआईआर हुई थी।

ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में बवाल अचानक नहीं हुआ था। यह सोची-समझी साजिश थी। बवाल के समय पुलिस के हाथ ऐसे फुटेज लगे हैं, जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोग भीड़ को उकसा रहे हैं। बवाल से दो दिन पहले आनंदनगर में गोपनीय बैठक करके पूरी स्क्रिप्ट लिखी गई थी। इसमें शामिल लोग भी सीएए के समय बवाल में शामिल थे। गोहलपुर पुलिस की जांच में ऐसे कई सबूत हाथ लगे हैं, जो इसकी पुष्टि कर रहे है। पुलिस ने प्रकरण साजिश की धारा बढ़ाते हुए गोपनीय बैठक कर स्क्रिप्ट लिखने वालों को चिन्हित करने में जुटी है। अब तक 19 बलवाइयों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

जबलपुर में 19 अक्टूबर को हुए बवाल में वहीं सारे किरदार प्रमुख सूत्रधार बने, जो एनआरसी और सीएए के समय शहर में बवाल कराने में सबसे आगे थे। गोहलपुर, अधारताल और हनुमानताल में दर्ज इन मामलों की जांच ओमती टीआई कर रहे हैं। इनमें दर्ज नामजद आरोपियों में कई लोग इस बार के बवाल में पर्दे के पीछे पूरी पटकथा को अंजाम देने में जुटे थे।

जुलूस के दौरान पुलिस को पीछे हटना पड़ा था।

13 अक्टूबर को ही दिख गया था तल्ख अंदाज

मछली मार्केट में हुए बवाल से 6 दिन पहले प्रशासन ने शासन की गाइडलाइन का हवाला देते हुए मुस्लिम समाज के लोगों के साथ 13 अक्टूबर को पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक बुलाई थी। उस बैठक में एडीएम राजेश बाथम, एएसपी रोहित काशवानी के सामने आए एक बयान कि इस बार मुफ्ती-ए-आजम अवाम के साथ हैं। अवाम चाहती है कि इस बार चाहे लाठी चलें या गोली, जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाली जाए। शहर की शांति व्यवस्था बिगड़ती है, तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना हजरत मोहम्मद हामिद अहमद सिद्दीकी ने शांतिपूर्ण तरीके से त्यौहार मनाने की अपील की थी।

मुफ्ती-ए-आजम के सौहाद्रपूर्ण तरीके से त्यौहार मनाने की अपील को खारिज करने की कोशिश

प्रशासन ने इस तल्खी को नजरअंदाज करते हुए मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना हजरत मोहम्मद हामिद अहमद सिद्दीकी से मिलकर प्रशासन की गाइडलाइन और शहर के हालात से अवगत कराते हुए सहयोग मांगा। मुफ्ती-ए-आजम ने प्रशासन का साथ देते हुए अवाम को सौहाद्रपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने की अपील की थी। पटाखा न फोड़ने की गुजारिश की और अपने गली-मोहल्ले में दिल खोलकर त्यौहार मनाने की शुभकामनाए दी थीं।

17 अक्टूबर को आनंद नगर में बुलाई गई गोपनीय बैठक में बवाल की स्क्रिप्ट लिखी गई

मुफ्ती-ए-आजम के रूख के बाद आनंद नगर में 17 अक्टूबर को एक गोपनीय बैठक बुलाई गई। एक मौलाना के घर आयोजित इस बैठक में तीन पूर्व पार्षद, एक कबाड़ी का बेटा सहित अन्य लोग शामिल हुए। 50 हजार पटाखें फोड़ने के लिए फंडिंग हुई।

सुब्बाशाह मैदान के पास संचालित चार मदरसों के लड़कों को सुबह से लेकर देर रात तक पटाखा फोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई। 18 को आनंद नगर पानी टंकी के पास लड़कों को बुलाकर पटाखे बांटे भी गए थे। वहीं सीएए-एनआरसी के समय पुलिस पर पथराव करने वाले चेहरों को एक बार फिर अग्रिम मोर्चे पर लगाया गया।

बलवा के दौरान इस तरह मछली मार्केट में था नजारा।

दो मोर्चे पर सक्रिय रहे साजिशकर्ता

बवाल की स्क्रिप्ट लिखने वाले इस बार दो मोर्चे पर सक्रिय रहे। एक तरफ वे अपनी ताकत दिखाना चाहते थे कि मौजूदा समय में मुस्लिम तबका सबसे अधिक किसकी बात सुनता है और दूसरी ओर पुलिस को भी एक दिन पहले आगाह करते हुए संदेश भिजवा दिया कि मछली मार्केट में थ्री लेयर का बैरियर लगवा दें, वहां कुछ विवाद हो सकता है। मंशा ये थी कि ऐसा करने पर पुलिस की नजर में वे नहीं आएंगे। बवाल के समय जुलूस में वे नजर भी नहीं आए।

पुलिस पर जलता पटाखा फेंकने की घटना सीसीटीवी में कैद है।

पुलिस पर जलता पटाखा फोड़े, फिर किया पथराव

19 अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे मछली मार्केट में जुलूस में शामिल उपद्रवियों ने यहीं किया। पूरी पटकथा के अनुरूप ही पुलिस पर जलता हुआ पटाखा फोड़े और फिर पथराव किया। तलवार से भी हमले की कोशिश की। पुलिस को हालात संभालने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। दो घंटे तक पुलिस और बलवाई आमने-सामने डटे रहे।

इस बलवा में एसआई हेमंत शर्मा का जहां सिर फट गया था। वहीं आरक्षक हरबल अहिरवार, प्रधान आरक्षक श्यामलाल, आरक्षक सत्यपाल मेहरा, अरविन्द कुमार, थाना कोतवाली के आरक्षक पंकज सनोडिया, सहित अन्य को चोटें आईं थीं। बवाल के बीच एसपी-कलेक्टर मौके पर पहुंचे और फिर मौलाना इम्तियाज व कदीर सोनी सहित अन्य लोगों ने आगे बढ़कर मामला संभाला। इसके बाद जुलूस फिर निकाला जा सका।

जुलूस में शामिल इन उपद्रवियों ने किया था बवाल।

24 चिन्हित बलवाइयों में अब तक 19 गिरफ्तार

गोहलपुर पुलिस ने इस मामले में 24 नामजद और 50-60 अज्ञात के खिलाफ बलवा, हत्या के प्रयास, शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, धारा 144 के उल्लंघन, विस्फोटक अधिनियम सहित अन्य धाराओं में 24 नामजद में अब तक 19 आरोपियों मोह. हसीब, अमजद, फारूख, जावेद, समीर, शहबाज, मोह. जुनैद, समीर, सुहेल मंसूरी, तौहीद अंसारी, मोह. शकील, तनवीर, समीर, फिरोज खान, मोह. राशिद अंसारी, मोहसिन, मोहम्मद इमरान, मोह आरिफ और चारखंभा निवासी जावेद उर्फ तौहीद को गिरफ्तार कर चुकी है।

शहर में तीन गुट सक्रिय, रहनुमाई और मुफ्ती-ए-आजम के पद पर है नजर

पुलिस सूत्रों के मुताबिक दरअसल मुस्लिमों की रहनुमाई कौन करे, इसे लेकर शहर में तीन गुट बन गए हैं। पहला गुट मुफ्ती-ए-आजम के बेटे मुसाहिद मियां की है। दूसरा गुट रईसवली की है, जो नईम अख्तर को मुफ्ती-ए-आजम बनना देखना चाहते हैं। तीसरा गुट भूरे पहलवान और उनके बेटे शहर काजी मौलाना इम्तियाज का है। इसमें एक गुट को अब्दुल रज्जाक और शमीम कबाड़ी गोपनीय तौर पर फंडिंग कर रहे हैं।

विवाद के दौरान इन चेहरों ने शांति स्थापित करने में निभाई थी अहम भूमिका।

तीनों गुटों में अवाम का अधिक समर्थन हासिल करने की होड़ चल रही है। खासकर मुस्लिम युवाओं के मन की बात कहकर उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश हो रही है, जिससे उनकी पकड़ मजबूत हो और वे अवाम की रहनुमाई करने के साथ ही भविष्य में मुफ्ती-ए-आजम का पद भी पा सकें। हालांकि एक गुट के मौलाना इम्तियाज साफ कर चुके हैं कि उन्हें किसी पद का लोभ नहीं है और न ही वे किसी तरह के गुटबाजी में हैं। शहर की शांति बनी रहे, यही हमेशा से प्रयास रहा है।

एएसपी रोहित काशवानी ने कहा कि घटनाक्रम से जुड़े कई वीडियो और सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। इसमें लोग उकसाते हुए दिख रहे हैं। इसको लेकर साजिश की धारा बढ़ाई गई है।

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