लैंडर का पता नही चला, अब ऑर्बिटर से रहस्य की छानबीन करेगा इसरो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) ने चंद्रमा पर उतरने से पहले चंद्रयान -2(Chandrayan 2) लैंडर के साथ संपर्क खो दिया था। इसरो प्रमुख के. सिवन(K. Sivan) ने पुष्टि की कि ISRO ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने से कुछ क्षण पहले ही चंद्रयान -2 के विक्रम लैंडर क्षणों के साथ संचार खो दिया। इस समय इसरो के वैज्ञानिक समझने में लगे हैं कि किस तरह विक्रम लैंडर(Vikram Lander) के साथ फिर संपर्क स्थापित किया जाए।

अभी तक लैंडर के चाँद से टकरा कर क्रैश होने की पुष्टि नहीं हुई है। इसके बारे में इसरो के साइंटिस्ट देवीप्रसाद कार्निक(Deviprasad Karnik) ने कहा है कि ‘डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है। हमारे पास अभी तक कोई रिजल्ट नहीं है। इसमें समय लगया है। हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते।’ इसरो चंद्रयान -2 लैंडर के सभ्य प्रक्षेपवक्र के टेलीमेट्रिक डेटा, लैंडर द्वारा भेजे गए अंतिम उत्सर्जन और संकेतों और पृथ्वी पर नियंत्रण केंद्र द्वारा प्राप्त सेंसर डेटा के अंतिम सेटों की जांच कर रहा है। इसके साथ ही इसरो सुराग के लिए चंद्रमा के चारों ओर अपनी कक्षा में चक्कर लगा रहे चंद्रयान -2 के ऑर्बिटर का उपयोग करने की योजना बना रहा है। ऑर्बिटर के ज़रिये विक्रम लैंडर के लैंडिंग साइट का नक्शा तैयार किया जा सकता है। वहीँ पूरा देश इस समय इसरो के साथ खड़ा है। सभी ने इसे पूरे मिशन के सिर्फ एक हिस्से की नाकामी बताई है। सालों से इस मिशन पर काम कर रहे वैज्ञानिको का हौसला बढ़ाने के लिए जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने सुबह सभी को सम्बोधित किया, वहीँ देश के दूसरे नेताओं ने भी ट्वीट कर संस्थान की तारीफ की है।

विपक्ष ने भी की सराहना, कहा प्रेरणादायक

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर इसरो वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई करते हुए लिखा कि इसरो के वैज्ञानिकों की सराहना की जानी चाहिए और आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि निराशा, हताशा वह दुखी कतई न हों। उन्होंने लिखा, ‘चांद पर कदम रखने के लिए चंद्रयान-2 मिशन ने समस्त भारतीय जनमानस को रोमांचित किया है। इस संबंध में भारतीय वैज्ञानिकों खासकर ‘इसरो’ के वैज्ञानिकों ने अबतक जो भी सफलता प्राप्त की है वो गर्व करने लायक है और उसकी सराहना की जानी चाहिए।’ इसके साथ उन्होंने लिखा कि “साथ ही, आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि निराशा, हताशा व दुःखी कतई न हों और यह भी याद रहे कि ’गिरते हैं शहसवार मैदान-ए-जंग में, वह तिफ्ल (बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले।’ वैज्ञनिकों को देशहित में काम करते रहने के लिए उनके हौंसले बढ़ाते रहने की जरूरत है।” वहीँ कांग्रेस(Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी(Rahul Gandhi) ने सभी वैज्ञानिको को देशवासियों के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने लिखा ‘इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मून मिशन पर शानदार काम के लिए बधाई। आपका जुनून और समर्पण प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा है।’

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