आखिर थम गई देश की पहली महिला डीजीपी की “उड़ान”

देश की पहली महिला डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) कंचन चौधरी भट्टाचार्य का सोमवार शाम निधन हो गया। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है। लंबे समय से बीमार चल रही 72 साल की कंचन ने बीती शाम मुंबई के अस्पताल में आखिरी साँसे ली। इन्होंने वर्ष 2004 में उत्तराखंड का डीजीपी नियुक्त होकर इतिहास रचा था।

कंचन चौधरी भट्टाचार्य 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी थीं। कंचन चौधरी भट्टाचार्य किरण बेदी के बाद देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी थीं। 2004 में देश की पहली डीजीपी बन इतिहास बनाने वाली कंचन चौधरी 31 अक्टूबर 2007 को डीजीपी के रूप में रिटायर हुईं थी। इनका पुलिस सेवा का करियर काफी शानदार रहा था। कंचन ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में भी हाथ आज़माया था। 2014 लोकसभा चुनाव में कंचन ने आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट से हरिद्वार संसदीय सीट पर चुनाव लड़ा था। उनके निधन पर शोक जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि “देश की पहली महिला पुलिस महानिदेशक कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहीं और अपने अंतिम समय तक देश की सेवा करना चाहती थीं। उनकी याद आएगी।”

‘उड़ान’ की प्रेरणा कंचन

1997 में प्रतिष्ठित सेवाओं के लिए उन्हें ‘राष्ट्रपति पदक’ भी मिल चुका है। इसके साथ ही 2004 में उन्हें मेक्सिको में आयोजित इंटरपोल की बैठक में भारत की और से प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित किया गया था। उनकी मृत्यु पर दुःख प्रकट करते हुए आईपीएस एसोसिएशन और उत्तराखंड पुलिस के ऑफिशल अकाउंट ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा ‘”हम अपने एक प्रतीक, भारत की पहली महिला डीजीपी और दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन पर शोक जताते हैं। दिल और दिमाग के गुणों वाली एक अधिकारी, जिनका कई पहल और अवार्ड्स से सजा एक शानदार कैरियर था।” गौरतलब है कि दूरदर्शन पर इनके जीवन से प्रेरित एक सीरियल ‘उड़ान’ भी प्रसारित हो चुका है।

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