पूजा पंडालों में खेली गई सिंदूर की होली,जानिए क्या है परम्परा

वाराणसी: शक्ति उपासना के पर्व नवरात्रि (Navratri) में भोले की नगरी काशी (Kashi) मिनी बंगाल बन जाता है. दुर्गापूजा (Durgapuja) पर मां की विदाई से पहले तमाम पूजा पंडालों में सिंदूर की होली खेली जाती है,इसे सिंदूर खेला कहा जाता है. इस परम्परा के तहत काशी के बंगीय समाज से जुड़ी महिलाएं पहले मां दुर्गा को सिंदूर अर्पण करती हैं फिर आपस में एक दूसरे को सिंदूर लगाकर इसकी होली खेलती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सुहाग का वर प्राप्त होता है.
बंगीय समाज द्वारा पूजा पंडालों में सिंदूर खेला की परम्परा के तहत मां दुर्गा को सिंदूर,तेल,आलता,पान अर्पित किया जाता है. उसके बाद मां की आरती उतारी जाती है. ये पंरपरा ठीक वैसे ही निभाई जाती है जैसे बेटी के विदाई के वक्त बंगीय समाज में किया जाता है.

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