स्‍कूलों में कोरोना के मामले मिलने के बावजूद यूपी में नहीं बंद होंगे स्‍कूल, जानें क्‍या है वजह

प्रदेश के सभी स्‍कूलों में ऐसा ही नियम लागू होगा, जिससे पढ़ाई भी चलती रहे

लखनऊ. देशभर में लगातार कोरोना के मामले बढ़ता जा रहा है। उत्‍तर प्रदेश में फिलहाल कोरोना के मामले मिलने के बावजूद भी स्‍कूल बंद नहीं होंगे, बल्कि एक हिस्‍सा बंद किया जाएगा। एनसीआर के शहरों में इस तरह का प्रयोग शुरू हो चुका है और संबंधित स्‍कूलों में कोरोना के मामलों में वृद्धि नहीं हो रही है। संभावना है कि प्रदेश के सभी स्‍कूलों में ऐसा ही नियम लागू होगा, जिससे पढ़ाई भी चलती रहे और कोरोना का रोकथाम हो जाए।

बता दे कि गाजियाबाद जिले में इसी तरह के नियम लागू किए गए हैं। कोरोना मामले मिलने के बाद स्कूल बंद नहीं किए जा रहे हैं, इसके बजाय एहतियात बरती जा रही है। यदि किसी स्कूल में कोई छात्र संक्रमित मिलता है तो उसकी कक्षा को सैनिटाइज कराया कराया जाएगा और उस कक्षा के बच्चों की कोरोना जांच कराई होगी। यह निर्णय गाजियाबाद के डीएम के निर्देश पर डीआइओएस द्वारा स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया। जिन स्कूलों में कोरोना के केस मिले हैं, वो दोबारा खुल गए हैं। इससे न केवल स्कूल संचालकों को राहत मिली है बल्कि आनलाइन शिक्षा से तंग आ चुके अभिभावक और शिक्षक ने इस फैसले का स्वागत किया है।

लगातार स्कूलों में कोरोना के केस मिल रहे

वही गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन क्षेत्र में पिछले पांच दिन से लगातार स्कूलों में कोरोना के केस मिल रहे हैं। अब तक करीब 10 स्कूलों में 25 बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिसके बाद पांच दिन के लिए स्कूलों को बंद करना पड़ा था। इसे लेकर डीआइओएस प्रदीप द्विवेदी ने स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक की, जिसमें स्कूल प्रबंधकों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। इसके बाद डीआइओएस ने डीएम से अनुमति लेकर सभी स्कूल संचालित रखने को कहा। हालांकि उन्होंने कोरोना के मामले मिलने के बाद स्कूल संचालकों के लिए कुछ शर्त रखीं हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।

जानें क्या है नियम

बच्चा संक्रमित मिलने पर सीएमओ को सूचना देनी होगी।
संक्रमित बच्चा मिलने पर कक्षा को सैनिटाइज कराना होगा।
स्कूलों में सामूहिक कार्यक्रम व प्रार्थना सभा पर पाबंदी।
अभिभावकों के मास्क लगाने पर ही स्कूल में मिले प्रवेश।
खांसी या बुखार होने पर बच्चे को स्कूल में प्रवेश नहीं।
बच्चों को टीकाकरण के लिए जागरूक किया जाना।
सभी स्कूलों में कोरोना हेल्प डेस्क बनाई जाएगी।
खेल-कूद के दौरान मास्क व शारीरिक दूरी का पालन।
लंच के दौरान बच्चों के कक्षा से बाहर जाने पर पाबंदी।

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