जांबाज महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने महिला पुलिस अधिकारियों को दी नई जिम्मेदारी…

उत्तर प्रदेश –यूपीएससी की परीक्षा भारत की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक होती है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कई लोग परिश्रम करते हैं ।और अपनी लगन से यूपीएससी की परीक्षा को क्लियर करते हैं। यूपीएससी की परीक्षा को क्लियर करना और फिर अपने देश के लिए कार्य करना सभी के सौभाग्य में नहीं होता है लेकिन किसी ने सही कहा है ना कि पंखों से नहीं हौंसलों से उड़ान होती है।संवेदनशील है लेकिन कमजोर नहीं शक्ति का नाम ही नारी है। ये हैं जाबाज़ महिला पुलिस अधिकारी लक्ष्‍मी सिंह है। जब भी पुलिस महकमें में जांबाज महिला आईपीएस अधिकारियों की गिनती होती है उनमें आईपीएस लक्ष्‍मी सिंह का नाम सबसे पहले लिया जाता है। अपनी बहादुरी के दम पर अपराधियों की नाक में दम मचाने वाली लखनऊ आईजी लक्ष्‍मी सिंह की नीति “जीरो टॉलरेंस अगेंस्‍ट क्राइम” रही है। तेजतर्रार आईपीएस लक्ष्‍मी सिंह महिलाओं के खिलाफ हो रही घटना की रोकथाम और अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाने तक भूखी प्‍यासी फील्‍ड में ही डटी रहती हैं। लक्ष्‍मी सिंह के तीखे तेवर के आगे बड़े-बड़े अपराधी एक के बाद एक सरेंडर कर चुके हैं। वहीं इसके ठीक विपरीत अपने संवेदनशील और दयालु स्‍वभाव के चलते हर गरीब और जरूरतमंद की मदद करने के लिए वो जानी जाती हैं। इसी के चलते उन्होंने नोएडा में 2 महिला पुलिस अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी ।आइए जाने लेकिन महिला पुलिस अधिकारी कौन है ?

 

प्रीति यादव जिनके ऊपर है महिला सुरक्षा का दायित्व..

चंडीगढ़ के हेड कॉन्स्टेबल की बेटी ने सपना देखा था, आईपीएस अधिकारी बनने का। पिता की वर्दी हर दिन उसे अपने लक्ष्य को हासिल करने की प्रेरणा देती। आखिरकार उसने कर दिखाया। कहते हैं मेहनत करो और सच्चे दिल से कोई प्रयास करो तो सारी कायनात आपके लक्ष्य को हासिल करने में आपका साथ देने लग जाती है। हम बात कर रहे हैं आईपीएस प्रीति यादव की। चंडीगढ़ की रहने वाली प्रीति यादव ने यूपीएससी 2019 में सफलता हासिल की। उन्हें यूपीएससी में 466वां रैंक मिला था। यूपी कैडर में आईपीएस बनने के बाद से ही वह अपने अलग-अलग कार्यों से खासी सुर्खियों में सहारनपुर में एएसपी रहने के दौरान बेलआउट कैफे और महिला सुरक्षा के लिए उनके किए गए कार्य की खासी सराहना होती है। प्रीति यादव को पिछले दिनों नोएडा कमिश्नरेट में ट्रांसफर किया गया था। महिला सुरक्षा के तमाम सारे मुद्दों को बड़ी आसानी से हल कर देती है। शायद यही वजह है कि पूरे नोएडा में यह नाम काफी चर्चा में है। लिहाजा अभी एडिशनल एसपी के के पद पर तैनात हैं।

लेडी सिंघम सौम्या सिंह नाम सुनकर अपराधी भागते हैं..

सौम्या सिंह ने 2015 में पीसीएस की परीक्षा पास कर सहायक आयुक्त उद्योग के पद पर आगरा में ज्वाइन की गई थी| लेकिन वह उस पद पर रहत हुए लगातर तैयारी करती रही और 2017 के पीसीएस परीक्षा को पास कर डिप्टी एसपी का पद हासिल कर लिया।जब भी लेडी सिंघम महिला अफसरों का नाम लेते हैं तो जनपद बांदा की रहने वाली सौम्या सिंह का नाम आता है।महिला सौम्या सिंह ने वर्दी की असली ताकत दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में अपराध को जड़ से खत्म कर दिया। यही वजह रही कि जिस भी जनपद में इनकी पोस्टिंग होती है लोग पहले से जान लेते हैं कि लेडी सिंघम अपराध और अपराधियों को बिल्कुल नहीं छोड़ती। शायद यही वजह है कि, हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है।

 

 

 

 

 

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