एंटी कोविड पिल Molnupiravir को जल्द मिल सकती है मंजूरी, DCGI को सौंपा ट्रायल का डेटा

नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी के खिलाफ तेजी से हो रहे कोविड वैक्सीनेशन के बीच एक और राहत की खबर आई है. अब टीके के साथ-साथ, कोरोना की रोकथाम के लिए जल्द ही टेबलेट भी मिलने लगेगी. काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) में कोविड स्ट्रेटेजी ग्रुप के चीफ ने गुरुवार को News18.com से कहा कि अमेरिका की फॉर्मा कंपनी Merck’s द्वारा विकसित एंटी कोविड पिल मोलनुपिराविर (Molnupiravir) को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी मिल सकती है. 700 मरीजों पर इस दवा के प्रयोग का डेटा सबमिट किया जा चुका है.

देश और दुनिया में कोविड-19 महामारी के खिलाफ जारी जंग के बीच डॉ राम विश्वकर्मा ने इस दवा को गेम चेंजर बताया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी फॉर्मा कंपनी मर्क, वॉलेंट्री लाइसेंसिंग एग्रीमेंट के साथ 8 भारतीय दवा निर्माताओं सिप्ला, डॉ रेड्डी लेबोरेट्री, सन फॉर्मा, हेटेरो, ओरोबिंदो फॉर्मा और अन्य कंपनियों के साथ मिलकर इसके निर्माण पर काम कर रही है. इनमें से कुछ दवा निर्माताओं ने लेट स्टेड क्लिनिकल ट्रायल को पूरा करके मंजूरी के लिए डेटा ड्रग रेग्युलेटर को सौंप दिया है.

CSIR में कोविड स्ट्रेटेजी ग्रुप के चीफ डॉ राम विश्वकर्मा ने कहा कि, “मोलनुपिराविर (Molnupiravir) उन 24 मॉलेक्यूलस में से एक थी जिसे इंस्टीट्यूट ने कोविड-19 के खिलाफ इलाज के लिए चुना गया था. वहीं CSIR के 3 इंस्टीट्यूट ने इस दवा के निर्माण के लिए जरूरी प्रोसेस और टेक्नोलॉजी को विकसित कर लिया है, जिसे हम भारतीय फॉर्मा कंपनियों के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं ताकि भारत में इस दवा के उत्पादन की क्षमता को बढ़ाया जा सके.”

ब्रिटेन पहले ही दे चुका है इस दवा को मंजूरी
डॉ विश्वकर्मा ने Merck और Pfizer की एंटी कोविड19 पिल को बड़ी कामयाबी बताया है. उन्होंने कहा कि मोलनुपिराविर (Molnupiravir) का क्लिनिकल डेटा, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंप दिया गया है और जल्द ही इसकी मार्केटिंग अनुमति की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि, ब्रिटेन के रेग्युलेटर इस दवा को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं. इसलिए अब हमारे पास ग्लोबल और लोकल दोनों डेटा विचार करने के लिए उपलब्ध है. मुझे उम्मीद है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) जल्द ही इस दवा को मंजूरी देकर इसे भारतीय मरीजों के लिए उपलब्ध कराएंगे. 700 मरीजों पर इस दवा के प्रयोग का डेटा पहले ही रेग्युलेटर को विचार करने के लिए सौंपा जा चुका है. यह एंटीवायरल दवा कोविड-19 के हल्के और मध्यम लक्षणों से पीड़ित वयस्कों के इलाज के लिए होगी.

25 रुपए प्रति गोली हो सकती है दवा की कीमत
डॉ विश्वकर्मा, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरग्रेटिव मेडिसिन (IIIM) में ड्रग रिसर्च और मैन्युफेक्चरिंग के विशेषज्ञ हैं. CSIR-IIIM भारत में मोलनुपिराविर (Molnupiravir) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए दवा निर्माता कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. डॉ विश्वकर्मा ने कहा कि मोलनुपिराविर (Molnupiravir) अपेक्षाकृत साधारण मॉलेक्यूल है जिसे 3-4 चरणों में तैयार किया जा सकता है. यह दवा उचित मूल्य पर उपलब्ध हो सकती है और इसकी उपलब्धता से इनकार नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने अनुमान लगाते हुए कहा कि फॉर्मा कंपनी इस दवा को 500-1000 रुपए प्रति साइकल पर बेच सकती है जिसमें 15-20 गोलियां होंगी. डॉ विश्वकर्मा ने कहा कि इस दवा का निर्माण रेमडेसिविर (Remdesivir) की तुलना में काफी आसान है. डॉ विश्वकर्मा ने कहा कि यह कोविड-19 के लिए AZT moment है. Merck और Pfizer की एंटी कोविड पिल की सफलता कोरोना काल में एक बड़ी कामयाबी है. बता दें कि AZT पहली एंटी एड्स दवा थी, जिसे 1991 में लॉन्च किया गया था. उस दौर में दुनियाभर में एड्स से लाखों लोगों की मौत हुई थी.

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