तीनों कृषि कानून हुए रद्द, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगाई अंतिम मुहर

तीनों कृषि कानून हो गए रद्द, किसानों की मेहनत हुई ख़राब

नई दिल्ली: तीनो कृषि कानूनों को रद्द करने की दिशा में काफी दिनों से काम चल रहा हैं. ऐसे में कृषि कानून वापसी बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है. राष्ट्रपति की मुहर के बाद तीनों कृषि कानून अब ऑफिशियल रूप से निरस्त हो चुके हैं.

इससे पहले, शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी 29 नवंबर को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल पारित किये गए थे. इन बिलों के विरोध में एक साल से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने डेरा अपना डेरा जमाया हुआ है. इतना ही नहीं इस बिल की वजह से कितने किसान मर भी चुके हैं.

सिंघु बॉर्डर की 40 संगठनों की बैठक हुई रद्द

उधर,  बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली किसानों के 40 संगठनों की बैठक रद्द कर दी गई. संयुक्त किसान मोर्चा के कई संगठनों ने इस बैठक से दूरी बनाने की कोशिश की. बताया जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक 4 दिसंबर को होगी, जिसमें आंदोलन खत्म करने या न करने पर आखिरी फैसला किया जायेगा.

जानकारी के मुताबिक कृषि कानून वापसी के बाद दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन की वापसी को लेकर किसान संगठनों में खुलकर मतभेद सामने आ गए हैं. किसानों का एक धड़ा आंदोलन वापसी के मूड में है, जबकि दूसरे धड़ा सरकार से एमएसपी पर गारंटी देने की मांग  कर रहा है.

जानिए क्या हैं तीनों कृषि कानून

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020
कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020
आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020

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