प्रवासी मजदूरों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, 15 दिनों में प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के हुए आदेश

देश में कोरोनावायरस के मद्देनजर लॉक डाउन किया गया। इस लॉक डाउन से प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहीं शुरुआत से लेकर अब तक प्रवासी मजदूर अपने अपने राज्य में जा रहे हैं। हालांकि शुरुआत में यह पैदल, साइकिल पर, रिक्शे से, ऑटो रिक्शा से या किसी न किसी तरीके से अपने राज्य में पहुंच रहे थे। लेकिन अब सरकार के साथ-साथ कई संस्थाएं और कई सेलिब्रिटी इन प्रवासी मजदूरों को लगातार इनके राज्यों में पहुंचा रहे हैं। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों के मामले पर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आते हैं वह आपको बताएंगे। हम सभी प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए 15 दिन का समय देंगे। सभी राज्यों को रिकॉर्ड पर लाना है कि वह कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवासियों का पंजीकरण होना चाहिए।

बता देगी सुप्रीम कोर्ट में सौल सिस्टर जनरल तुषार मेहता नेप्रवासी मजदूरों पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभी तक करीब एक करोड़ मजदूरों को घर पहुंचाया गया है। सड़क मार्ग से 41 लाख और ट्रेन से 57 लाख प्रवासी को घर पहुंचाया गया है। तुषार मेहता ने इस दौरान कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए अधिकतर ट्रेन यूपी और बिहार के लिए चलाई गई हैं। जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी तक 4,270 श्रमिक ट्रेनों का संचालन हुआ है। हम राज्य सरकारों के संपर्क में हैं। केवल राज्य सरकारें इस अदालत को बता सकती है कि कितने प्रवासियों को अभी घर पहुंचाया जाना है और कितनी ट्रेनों की आवश्यकता होगी।

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