मदरसों के सर्वे पर अखिलेश यादव ने बोली ये बड़ी बात !

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrassa) का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrassa) का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था. सरकार का तर्क है कि इससे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड (UP Madrasa Board) से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा. सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी सम्मानित धार्मिक-मज़हबी स्थान का सर्वे करवाना यदि न्यायपूर्ण नहीं है तो ये आस्थाओं को गहरी चोट पहुंचाता है. इंसाफ़ सबसे बड़ा धर्म होता है.

 

 

यूपी में गैर सरकारी मदरसों के सर्वे के लिए प्रदेश सरकार ने सम्बंधित अधिकारियों को एक फॉर्मेट जारी किया है. सूबे के सभी जिला मुख्यालयों को आदेश भेजा गया है और कुल 11 बिंदुओं पर सर्वे करके रिपोर्ट मांगी गई है. इस सर्वे के पीछे सरकार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था करने का दावा कर रही है. लेकिन विपक्षी दल इस सर्वे को सरकार की बदनीयती मान रहे हैं.

इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कही थी ये बात

इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे को ‘लक्षित सर्वे’ बताया. ओवैसी ने कहा, हम उम्‍मीद करते हैं कि इंतेजामिया समिति इस पर अपील करेगी और उन्‍होंने कहा है कि हम अपील करेंगे. उत्‍तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि सर्वे सिर्फ बिना अनुदान वाले मदरसों का क्‍यों हो रहा है? सर्वे आरएसएस संचाल‍ित स्‍कूलों व म‍िशनरी स्‍कूलों, निजी व सरकारी स्‍कूलों का क्‍यों नहीं हो रहा? सिर्फ एक समुदाय के ‘गैर सहायता प्राप्‍त’ मदरसों का सर्वे करना, मेरी नजर में लक्षित सर्वे है और इसके जरिए बाद में इनको तंग किया जाएगा. इसलिए मैंने कहा कि यह छोटा एनआरसी है. अगर आप वाकई सर्वे करवाना चाहते हैं तो सभी संस्‍थानों का सर्वे करवाइए.’

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