देश में 30 प्रतिशत महिलाएं शारीरिक और यौन हिंसा का शिकार, NFHS सर्वे

महिलाओं के खिलाफ शारीरिक हिंसा के 80% से अधिक मामलों में पति ही जिम्मेदार देखा गया

नई दिल्ली. देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाली शारीरिक एवं यौन हिंसा को लेकर हालिया नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सर्वे के मुताबिक, 18 से 49 साल की लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें 15 साल की उम्र के बाद शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ा है। 6 फीसदी महिलाओं को जिंदगी में कभी न कभी यौन हिंसा झेलनी पड़ी। लेकिन महज 14 फीसदी महिलाएं ही ऐसी रहीं, जिन्होंने अपने साथ हुई शारीरिक या यौन हिंसा के बारे में बताया। सर्वे के मुताबिक अक्सर शराब पीने वाले 70 फीसदी लोग ऐसे होते हैं, जो पत्नियों के साथ शारीरिक या यौन हिंसा करते हैं। महिलाओं के खिलाफ शारीरिक हिंसा के 80% से अधिक मामलों में पति ही जिम्मेदार देखा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की तरफ से गुरुवार को जारी किए गए इस सर्वे में बताया गया है कि 18 से 49 साल की 32 फीसदी शादीशुदा महिलाओं को अपने पति की तरफ से शारीरिक, मानसिक या यौन हिंसा झेलनी पड़ी है। जबकि सिर्फ 4 प्रतिशत पुरुष ही ऐसे रहे, जिन्होंने कभी न कभी घरेलू हिंसा का सामना किया हो। एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में कर्नाटक (48%) देश में सबसे ऊपर है। उसके बाद बिहार, तेलंगाना, मणिपुर और तमिलनाडु का नंबर है। देश में लक्षद्वीप ऐसा है, जहां महिलाओं से सबसे कम (2.1%) घरेलू हिंसा हुई। शारीरिक हिंसा के मामले में ग्रामीण और शहरी इलाकों का फर्क भी साफ नजर आता है. ग्रामीण क्षेत्रों में 32% महिलाओं ने हिंसा की बात बताई जबकि शहरी क्षेत्रों में 24% के साथ ही ऐसी घटनाएं हुईं।

इस वजह से महिलाओं को शारीरिक हिंसा का शिकार होती है

हिंसा का पढ़ाई-लिखाई से भी संबंध देखा गया है. महिलाओं में ही नहीं, पुरुषों में भी जैसे-जैसे शिक्षा और संपत्ति के स्तर में बढ़ोतरी होती है, उनके साथ होने वाली हिंसक घटनाएं भी कम हो जाती हैं। सर्वे के मुताबिक, कभी स्कूल न जाने वाली 40 फीसदी महिलाओं को शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है। जबकि जिन महिलाओं ने स्कूली पढ़ाई की होती है, उनमें हिंसा के मामले 18 फीसदी ही देखे गए हैं। इसी तरह पैसा बढ़ने पर भी हिंसा कम हो जाती है. सर्वे के मुताबिक, सबसे गरीब 20 फीसदी महिलाओं के ग्रुप में 39 प्रतिशत हिंसा के मामले सामने आए जबकि सबसे अमीर ग्रुप में ये आंकड़ा 17 प्रतिशत का रहा।

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80% से अधिक मामलों में आरोपी पति

एक सर्वे के मुताबिक बताया कि महिलाओं के खिलाफ शारीरिक हिंसा के 80% से अधिक मामलों में आरोपी पति होता है। यहां भी शिक्षा की अहम भूमिका देखी गई है। जिन पतियों ने स्कूली शिक्षा के 12 या अधिक वर्ष पूरे किए हैं, उनमें शादी के बाद शारीरिक, यौन या भावनात्मक हिंसा करने की संभावना उन लोगों के मुकाबले आधी (21%) होती है, जो कभी स्कूल नहीं गए। पति के शराब पीने की आदत का भी पत्नी के साथ शारीरिक या यौन हिंसा में बड़ा संबंध देखा गया है। सर्वे बताता है कि अक्सर शराब पीने वाले लोगों की 70% पत्नियों को शारीरिक या यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है। जिनके पति शराब नहीं पीते, उनमें ये आंकड़ा 23% मिला है। रिपोर्ट में ये भी देखा गया है कि 40 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को 18 से 19 वर्ग की महिलाओं की तुलना में हिंसा का अधिक सामना करना पड़ता है।

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