जासूस यूट्यूबर ज्योति का खुलासा: पहलगाम से जुड़े तार.. यूपी-वृंदावन का कनेक्शन, कहा – ‘हम खुद जिम्मेदार’

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। अब जांच एजेंसियों की नजर उसके उन सहयोगियों और संपर्कों पर है, जिनके जरिए वह देशभर में घूमकर संवेदनशील वीडियो बना रही थी। ज्योति ने मंदिरों से लेकर बॉर्डर और जम्मू-कश्मीर तक जाकर ऐसे वीडियो शूट किए हैं, जो देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरे का संकेत हैं।

पहलगाम हमले से जुड़ता दिख रहा है कनेक्शन

जांच में यह बात सामने आई है कि ज्योति मल्होत्रा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पीआईओ (Pakistan Intelligence Operatives) के संपर्क में थी। पुलिस अब उसके अन्य मोबाइल फोनों का भी पता लगाने में जुटी है। यह भी संकेत मिले हैं कि उस हमले के दौरान वह संदिग्ध तौर पर सक्रिय थी।

सीमा पार तारबंदी तक के बनाए वीडियो

ज्योति ने थार रेगिस्तान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के बेहद नजदीक जाकर तारबंदी और अन्य सुरक्षात्मक ढांचे के वीडियो शूट किए। इसके बाद वह कश्मीर गई और वहां भी संवेदनशील इलाकों में वीडियो बनाए। जांच एजेंसियों ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए उसकी यात्राओं की कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।

‘हमें कोई फर्क नहीं लगता भारत और पाकिस्तान में’

ज्योति द्वारा बनाए गए पाकिस्तानी वीडियो में बार-बार यह कहा गया कि भारत और पाकिस्तान में कोई अंतर नहीं है। एक वीडियो में वह एक पाकिस्तानी महिला यूट्यूबर के साथ नजर आती है और कहती है, “ये मेरी बहन है, बहन-बहन को कोड ऑफ द ईयर होना चाहिए।” ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और इस पूरे मामले को और संवेदनशील बना रहे हैं।

पहलगाम यात्रा और ‘हम खुद जिम्मेदार’ वाला बयान

जनवरी 2024 में ज्योति ने पहलगाम का दौरा किया और वहां के हर मुख्य स्थल का वीडियो बनाया। खास बात यह है कि पहलगाम आतंकी हमले पर उसने कहा था, “हम खुद भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। निगरानी रखनी चाहिए थी। सरकार भी जिम्मेदार है।” यह बयान अब जांच के दायरे में है और सुरक्षा एजेंसियां इसे एंटी-नेशनल एलिमेंट्स के समर्थन की तरह देख रही हैं।

पहले ही यूजर ने किया था सतर्क, लेकिन एजेंसियां रहीं सुस्त

मई 2024 में एक एक्स (ट्विटर) यूजर कपिल जैन ने एनआईए (NIA) को टैग करते हुए ज्योति की गतिविधियों को संदिग्ध बताया था। उन्होंने लिखा था कि यह महिला पाकिस्तानी दूतावास के कार्यक्रम में गई, फिर 10 दिन पाकिस्तान में रही और अब कश्मीर जा रही है। उन्होंने संभावित लिंक की ओर इशारा किया, लेकिन हैरानी की बात है कि तब एनआईए ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया।

फॉरेंसिक जांच में जुटी साइबर सेल और एजेंसियां

ज्योति के मोबाइल फोन और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच शुरू हो चुकी है। कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजेक्शन और फंडिंग के स्रोतों का पता लगाने के लिए केंद्रीय एजेंसियां और साइबर सेल मिलकर काम कर रही हैं। उसकी पाकिस्तान और चीन यात्रा और उस दौरान किए गए खर्चों पर भी सवाल उठे हैं।

वृंदावन कनेक्शन: एक और कड़ी की तलाश

पुलिस को ज्योति के वृंदावन के एक युवक से संपर्क में होने की जानकारी मिली है। इस कड़ी को जोड़ने के लिए सेना पुलिस रविवार को वृंदावन पहुंची। वृंदावन थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार के अनुसार, सेना पुलिस ने युवक का नंबर भी साझा किया है और अब स्थानीय पुलिस उससे संपर्क करने की कोशिश कर रही है।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को बनाया जा रहा टूल

एसएसपी के मुताबिक, भारतीय खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि पीआईओ भारतीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के जरिए अपना एजेंडा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्योति इस मकसद से उनके संपर्क में आई और धीरे-धीरे उनके जाल में फंसती गई। अब कई अन्य इन्फ्लुएंसर भी रडार पर हैं, जिनके विदेशी कार्यक्रमों में शामिल होने की जानकारी जांच एजेंसियों को मिली है।

सोशल नेटवर्क और फंडिंग सोर्स

जांच एजेंसियां अब ज्योति के अन्य मोबाइल फोन की बरामदगी में लगी हैं, ताकि उसके पाकिस्तान के साथ संपर्क में किस तरह की सूचनाएं साझा की गईं, इसका पता चल सके। इसके अलावा जिन अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ उसका संपर्क था, उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।

सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का मामला केवल एक महिला की गिरफ्तारी का नहीं, बल्कि देश की साइबर और सीमाई सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश के लिए जासूसी करना और भारत-विरोधी भावनाएं फैलाना, इस घटना को बेहद गंभीर बनाता है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या जांच एजेंसियां इस नेटवर्क को पूरी तरह बेनकाब कर पाएंगी या फिर कोई और ज्योति अगली पंक्ति में खड़ी है।

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