आश्रम की आड़ में महिलाओं का हो रहा था रेप, 150 लोग कराए गए मुक्त..

तमिलनाडू –किसी भी महिला से प्रत्यक्ष या परोक्ष बल का प्रयोग करके उससे कुछ लेना जिसे वह अपनी इच्छा से देना ना चाहती हो या जिससे उसे शारीरिक मानसिक किया भावात्मक रूप से दुख पहुंच महीला हिंसा कहलाता है।
भारत में महिलाओं का उत्पीड़न प्राचीन काल से ही हो रहा है ।जिसका प्रमाण हमें प्राचीन धर्म ग्रंथों एवं पुस्तकों में मिलता रहा है। समाज के प्रचलित रीति रिवाज प्रथाएं एवं विचारधाराएं महिला हिंसा का प्रमुख कारण रही हैं ।इन सभी घटनाओं के बावजूद भी तमिलनाडु में एक ऐसी घटना देखने को मिली जिसे सुनकर रूह कांप जाए। तमिलनाडु के विलुपुरम में आश्रम की आड़ में चल रही अनैतिक गतिविधियों का भंडाफोड़ हुआ है ।

जिसमें पुलिस ने 150 महिला और पुरुष को आश्रम से मुक्त कराया गया । क्षेत्र लोगों को पता किया गया जिसमें से जो लाचार मानसिक तौर पर बीमार हैं। सड़कों पर अपनी जिंदगी गुजार बसर करते हैं। जिन्हें आश्रम में रखा गया था। जब पुलिस ने आश्रम में छापा मारा तो दिल दहलाने वाली तस्वीरें सामने आई ।

कई महिलाओं के साथ तो कई सालों से रेप हो रहा है लगातार जब महिलाएं रेप का विरोध करती हैं। तो उन्हें खूंखार बंदरों के सामने छोड़ दिया जाता है ।आश्रम के प्रमुख संत ने पिंजरे में खतरनाक बंदर पाल रखे हैं ।यही नहीं जो महिला विरोध करती, उसे लोहे की छड़ों से पीटा जाता था। बंदरों से कटवा दिया जाता है। यहां तक बंदरों को पहरेदारी पर बैठा दिया जाता है आरोप है कि लाचार महिलाओं को नींद की गोलियां देकर उनके साथ रेप किया जाता था।

टीम को यहां से जो रिकॉर्ड मिला, उसमें 15 मिसिंग हैं। हैरानी की बात है कि 2005 से किसी भी अफसर ने इस आश्रम की चेकिंग नहीं की। जिस बिल्डिंग में ये आश्रम चल रहा है, वो भी सरकारी डॉक्यूमेंट में रजिस्टर्ड नहीं है। शुरुआती पड़ताल में सामने आया है। कि आश्रम के पास एक वैन है, जिसके जरिये वो विल्लुपुरम के आसपास भटकने वाले लोगों को उठा लेता था। चौंकाने वाली बात यह है कि यहां विजिट पर आने वाले लोगों को दिखाने ठीक लोगों का भी मुंडन करा दिया जाता था, ताकि वे मानसिक बीमार लगें।
अधिकारियों की एक टीम ने आश्रम का निरीक्षण किया था। इस मामले में आश्रम के मालिक बी जुबिन और उनकी पत्नी मारिया सहित 4 पर रेप और विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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