जम्मू में ही क्यों राहुल गांधी से मिले शिवसेना नेता संजय राउत

भारत जोड़ो यात्रा को मिला संजय राउत का साथ, विभिन्न प्रतिनिधिमण्डलों ने राउत से मुलाक़ात कर सौंपे ज्ञापन

जम्मू। जैसे ही जम्मू में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लोगों ने शिवसेना सांसद संजय राउत को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ कुछ कदम चलते देखा और उनसे बातें करते देखे, उसके बाद ही सियासी चर्चा तेज हो गई कि स्थान जम्मू-कश्मीर ही क्यों? कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शुक्रवार को जम्मू संभाग के कठुआ जिले के हटली मोड़ से आरंभ हुई जहां उन्हें शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत का साथ मिला। इस दौरान देश के मौजूदा हालातों विशेषकर जम्मू कश्मीर के हालातों पर चर्चा की गई। राउत ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक भाईचारे का संदेश लेकर यह यात्रा चल रही है उसकी देश में सख्त जरूरत है क्योंकि आज नफरत की राजनीति की जा रही है।

इस मौके पर पदयात्रियों ने संजय राऊत को देख बाला साहेब ठाकरे जिन्दाबाद के नारे भी लगाए। संजय राउत के साथ प्रदेश शिव सेना के अध्यक्ष मनीष साहनी भी अपने सैकड़ों शिव सैनिकों के साथ यात्रा में शामिल रहे। यात्रा में शामिल होने के बाद संजय राउत जम्मू पहुंचे जहां पीओजेके, सिख़ समुदाय के साथ कश्मीर में कार्यरत जम्मू संभाग के आरक्षण श्रेणी के कर्मचारियों तथा बेरोजगार युवाओं के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाक़ात की। इन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने ज्ञापनों के माध्यम से संजय राउत को अपनी मांगों से अवगत करवाया।

पीओजेके शरणार्थियों के प्रतिनिधि विनोद कुमार एवं सुरजीत सिंह ने पीओजेके विस्थापितों के साथ हो रही वादा खिलाफी एवं भेदभाव से अवगत करवाया। राजीव चुन्नी ने कहा कि हमारे पुरखों की जमीन-जायदाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है। पाकिस्तानी सेना और कबाइलियों ने परिवार के परिवार मार दिए। जो जान बचाकर जैसे-तैसे यहां पहुंचे उनको पिछले सात दशकों से विस्थापितों का दर्जा तक नहीं मिल पाया। वहीं संसदीय समिति द्वारा 30 लाख की सिफारिश के बावजूद सरकार ने मुआवजे के नाम पर प्रति परिवार महज साढे़ पांच लाख रुपये दिए हैं। राजीव चुन्नी एवं सुरजीत सिंह ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की तर्ज पर पीओजेके शरणार्थियों को तमाम सुविधाओं के साथ विधानसभा एवं संसद में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए। प्रतिनिधियों ने शिवसेना सांसद से कश्मीरी पंडितों की तर्ज पर महाराष्ट्र में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में पीओजेके के विस्थापितों को आरक्षण एवं छूट देने की अपील भी की।

वहीं कुलदीप कुमार की अध्यक्षता में कश्मीर में कार्यरत जम्मू संभाग के आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने राउत से भेंट के दौरान बताया कि जम्मू संभाग के रहने वाले करीब 3 हजार आरक्षित कर्मचारी कश्मीर संभाग के अलग-अलग जिलों एवं विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से ज्यादातर कर्मी 12 से 15 साल से कश्मीर में तैनात हैं। टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद से कर्मी घाटी में काम करने को तैयार नहीं हैं और जम्मू संभाग में ट्रांसफर किए जाने की मांग को लेकर जम्मू बेस्ड रिजर्व्ड कैटेगरी इंप्लाइज एसोसिएशन कश्मीर के बैनर तले धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मियों की मांग है कि उनका वेतन जारी करने तथा तबादला नीति में बदलाव लाकर उनकी तैनाती जम्मू में की जानी चाहिए।

वहीं सिख समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा और पंजाबी भाषा को राज्य भाषा के रूप में मान्यता तथा विधानसभा चुनाव में सिख समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर जम्मू कश्मीर सिख काउंसल के चेयरमैन तजिंदर सिंह पप्पी ने ज्ञापन सौंपा। युवा नासिर, अक्षय, दलीप आदि युवाओं ने यूपीएससी, जेपीपीएससी, जेकेऐएस परीक्षाओं में ऐज रिलैक्सेशन की मांग के साथ तथा परीक्षाओं में धांधलियों से अवगत करवाया। शनिवार को संजय राउत राज्य में एक प्रेस कांफ्रेंस को भी संबोधित करने वाले हैं।

Related Articles

Back to top button