अशोक गहलोत ने क्यों बताया इंटरनेट को अफीम ?

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान युग में इंटरनेट अफीम के नशे जैसा हो गया है। पांच लोग जब साथ बैठते हैं तो वो खुद से बात नहीं करते। केवल इंटरनेट पर खोये रहते हैं। फोन में डूबे रहते हैं। गहलोत ने कहा कि लोग राजीव गांधी के समय बोलते थे कि इंटरनेट और कम्प्यूटर क्रांति से लोग बेरोजगार हो जाएंगे, लेकिन आज क्या इसका फायदा मिल रहा है ये दुनिया देख रही हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत शनिवार को झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित भामाशाह टेक्नो हब से राजस्थान के 3 शहरों जयपुर, जोधपुर तथा उदयपुर में रिलायंस जियो की 5जी इंटरनेट सेवा के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि यह सेवा सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे राज्य सरकार के ध्येय संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन को और मजबूती मिलेगी। गहलोत ने समारोह में जियो ग्लास और कम्यूनिटी क्लिनिक उत्पाद का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा इंटरनेट डेटा राजस्थान में इस्तेमाल होता है। इसका आशय है कि यहां शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, रोजगार, कृषि सहित हर क्षेत्र के विस्तार में इंटरनेट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने आईटी को लेकर जो सपना देखा, वह साकार हो रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भी कहा था कि नई पीढ़ी को सपने देखने चाहिए। आज उन्हीं सपनों को साकार करने में इंटरनेट सेवा मददगार बनी है।
गहलोत ने कहा कि झालाना में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जल्द शुरू हो जाएगा। यहां स्टार्टअप्स सहित आईटी आधारित कार्य करने वाले युवाओं को बड़ा प्लेटफाॅर्म मिलेगा। हाल ही, राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलाॅजी (आर-केट) की शुरूआत की गई। वहीं, जोधपुर में 680 करोड़ रुपये की लागत से फिनटेक इंस्टीट्यूट तैयार हो रहा है। राज्य सरकार आईटी सेक्टर में आगे बढ़कर युवाओं का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इंटरनेट के माध्यम से ही 500 से अधिक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की। इनमें केंद्र सरकार, जिला प्रशासन के अधिकारियों, आमजन, विदेशी सहयोगियों से संवाद कर कोविड प्रबंधन को सुनिश्चित किया गया। लगभग 33 लाख लोगों को डीबीटी से तुरंत सहायता राशि पहुंचाकर भूखा नहीं सोने दिया। अस्पताल और घरों में कोरोना रोगियों की सतत निगरानी भी इसी से संभव हो पाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 22 लाख किसानों के 14 हजार करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए। इनकी सूची इंटरनेट सेवा से ही आमजन की जानकारी के लिए उपलब्ध हो सकी है। अब हर विभाग आईटी से जुड़ चुका है। हर विभाग में 3 प्रतिशत आईटी बजट रखा है। सभी जनकल्याणकारी योजनाएं और निर्णय पारदर्शिता के साथ आॅनलाइन हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 10 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज और निगरानी भी इंटरनेट से संभव हुई है।
गहलोत ने कहा कि ई-गवर्नेंस से आमजन को सार्वजनिक क्षेत्र की अधिकतम सेवाएं तेज गति से मिल रही हैं। राजस्थान इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बना हुआ है। राजस्थान में 80 हजार से ज्यादा ई-मित्र संचालित हैं, इनसे 550 से ज्यादा सरकारी सेवाओं का लाभ आमजन तक पहुंच रहा है। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि प्रदेश में सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन, प्रशासन शहरों के संग अभियानों सहित हर क्षेत्र में डिजिटल तकनीक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के राजस्थान अध्यक्ष उमेश भण्डारी ने कहा कि अनन्त संभावनाओं से भरपूर यह सेवा दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति है। इसी माह कोटा व फरवरी में बीकानेर और अजमेर में 5जी सेवा शुरू करेंगे।
इस अवसर पर जलदाय मंत्री डाॅ. महेश जोशी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, राजस्थान हज कमेटी के अध्यक्ष अमीन कागजी, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डाॅ. अर्चना शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ, नगर निगम जयपुर हैरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर, अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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