रामजन्मभूमि विवाद पर सुनवाई पूरी, अयोध्या सुनवाई पर पल पल की जानकारी न्यूज़ नशा पर

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में अयोध्या विवाद पर सुनवाई के 40वां और अंतिम दिन है । ऐसे में मामले की सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बहस की डेडलाइन तय कर दी है। चीफ जस्टिस गोगोई ने किसी भी प्रकार की टोका टाकी से मनाही करते हुए बहस बुधवार शाम 5 बजे तक खत्म करने का आदेश दिया । आखिरी सुनवाई के दिन हिंदू और मुस्लिम पक्षकार अपनी अंतिम दलीलें रखेंगे। हिंदू पक्ष की ओर से सभी पक्षकारों को अपनी दलील रखने के लिए 45-45 मिनट का समय दिया गया है, साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील राजीव धवन को एक घंटे का समय दिया जाएगा।

देखिए अयोध्या ज़मीन विवाद की आखिरी सुनवाई की अपडेट्स:

10:30 am (IST) : अयोध्या विवाद में मध्यस्थता की सभी ख़बरों का मुस्लिम पक्ष की ओर से खंडन किया गया। मुस्लिम पक्ष के वकील एम.आर. शमशाद ने एक बयान जारी कर कहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन पर दावा छोड़ने की बात नहीं की है, ये सभी अफवाह हैं। साथ ही इकबाल अंसारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस केस में जो भी फैसला करेगा, वो मानेंगे।

10:50 am (IST) : हिन्दू पक्षकारों ने अपनी दलीले रखते हुए वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि 1885 तक हिंदू-मुस्लिम उस जमीन पर पूजा का दावा करते थे, लेकिन बाद में ब्रिटिश सरकार ने वहां पर रेलिंग करवा दी। अब मुस्लिम पक्ष बाहरी और आंतरिक आहते पर विवाद कर रहा है, वो छोटी-सी जगह को बांटना चाहते हैं। इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा 1885 के बाद पूजा के आधार मांगने पर वकील वैद्यनाथन ने कहा कि ब्रिटिशों की रेलिंग के बाद भी हिंदू लगातार पूजा करते रहे थे। लेकिन बाद में मुगलों ने जबरन मस्जिद बना दी थी।

11:20 am (IST) : हिंदू पक्षकार के वकील सीएस वैद्यनाथन ने मुस्लिम पक्षकार के वकीलों की दलील का जवाब देते हुए कहा कि विवादित स्थल में 1949 तक अंदर मूर्ति नहीं थी और साप्ताहिक नमाज़ होती थी। सीएस वैद्यनाथन ने सुन्नी बोर्ड के दावे को काटते हुए कहा कि जब ज़मीन की मालिक तत्कालीन हुकूमत थी और उन्हीं की देखरेख में मस्जिद बनाई गई तो सुन्नी बोर्ड ने उसे कैसे डेडिकेट किया? इस पर जस्टिस नज़ीर ने कहा कि तभी तो उन्होंने कहा है कि ये वक्फ बाई यूजर है। रामलला विराजमान की तरफ से सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि वो साबित कर सके कि जमीन पर उनका हक है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से ये दावा किया गया कि वहां 22-23 दिसंबर तक नमाज हो रही थी, लेकिन 1934 तक शुक्रवार की नमाज होती थी। उन्होंने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि 16 दिसंबर 1949 के बाद विवादित स्थल पर कोई नमाज़ अदा नहीं की गई।

11:45 am (IST) : रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने आखिरी दलील में कहा कि जबतक जमीन पर हक ना हो तो मस्जिद नहीं बनाई सकती है। उनके बाद गोपाल सिंह विशारद की ओर से रंजीत कुमार को बहस के लिए दो मिनट का समय दिया गया।

11:48 am (IST) : गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि कैलाश पर्वत पर शिव कि मूर्ति या कोई देवता का चिन्ह नहीं है, लेकिन पूरे पर्वत को देवता के तौर पर पूजा जाता है। हिन्दुओं में कण -कण में भगवान कि मान्यता है। रंजीत कुमार ने कहा कि जन्मभूमि का महत्व भी कैलाश मानसरोवर जैसा है। मैं वहां गया तो देखा कि हिन्दू ही नहीं बौद्ध भी उस पर्वत की पूजा उपासना करते हैं। पूरा पर्वत बिना किसी प्रतिमा के पवित्र और पूजनीय स्थल माना जाता है।

11:55 am (IST) : अयोध्या मामले में जस्टिस लीफुल्ला, श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचू की मध्यस्थता पैनल ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की। साथ ही रंजीत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की सुन्नी वक्फ बोर्ड की याचिका को खारिज किया जाए।

11:57 am (IST) : रंजीत कुमार की तरफ से बहस पूरी होने पर निर्वाणी अखाड़ा की तरफ से वकील जयदीप गुप्ता ने बहस की शुरुआत की। निर्मोही अखाड़ा द्वारा विरोध जताने पर CJI ने कहा पांच मिनट इनको सुनने में कोई हर्ज नही। धर्मदास की ओर से वकील जयदीप गुप्ता ने कहा कि टाइटल पर हमारा विवाद नहीं है, हिंदुओं को जो रामलला का अधिकार मिलेगा उससे हम ही सेवायत होंगे। सेवायत का दावा निर्मोही अखाड़े का भी है, हमने सूट फाइल नहीं किया है हम तो डिफेंडेन्ट हैं।

12:05 am (IST) : धर्मदास की ओर से कहा गया कि अभी तो हम ही इकलौते सेवायत दावेदार हैं। जब वहां रिसीवर नियुक्त किए गए तब भी हमारा अखाड़ा ही सेवा, शोभायात्रा और उत्सव का आयोजन और देखरेख करता था, लेकिन बाद में हमें बाहर कर दिया। इसपर जस्टिस भूषण ने कहा कि लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा को सेवायायी माना है। जयदीप गुप्ता ने कहा कि वो दावा गलत है। इसी के साथ जयदीप गुप्ता की दलील खत्म हो गई।

12:06 pm (IST) : सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया हिन्दू महासभा की ओर से विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब को रिकॉर्ड पर कोर्ट के समक्ष रखने की पेशकश की। इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने ज़ोरदार आपत्ति जताई। राजीव धवन ने कहा कि इसे ऑन रिकॉर्ड ना लिया जाए, ये बिल्कुल नई चीज है। विकास सिंह ने कोर्ट को बुक दी। CJI ने कहा कि वो नवंबर में इस किताब को पढ़ेंगे। विकास सिंह ने कहा कि फैसले से पहले इस किताब को पढ़िएगा। CJI ने हंसते हुए कहा देखते हैं। राजीव धवन के बार-बार टोकने पर विकास सिंह नाराज हुए। कहा हमारे पास कम समय है उसके बाद भी राजीव धवन बार-बार टोक रहे हैं।

12:22 pm (IST) : हिन्दू महासभा की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने किताब से एक नक्शा दिखाते हुए कहा कि इस नक्शे में भगवान राम के जन्मस्थान का सही लोकेशन है, जो अब तक किसी ने कोर्ट को नहीं बताया। इस बात का विरोध करते हुए राजीव धवन ने कहा कि ये बेकार की बाते हैं और वे इस डाक्यूमेंट को नहीं मानते। इस पर सीजेआई ने कहा अगर आप नहीं मानते तो कोई बात नहीं, विकास सिंह भी सिर्फ बयान दे रहे हैं।

12:28 pm (IST) : मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा की तरफ से कोर्ट में पेश राम जन्मस्थान के नक़्शे को फाड़ दिया, जिसपर सीजेआई रंजन गोगोई नाराज हो गए। उन्होंने धवन पर नाराजगी जताई और कहा कोर्ट रूम में इस तरह की रोकटोक होगी तो सुनना मुश्किल होगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारी तरफ से दोनों ओर से बहस पूरी हो चुकी है। हम सिर्फ इस इसलिए सुन रहे हैं कि कोई कुछ कहना चाहता है तो कह दे। हम अभी उठ कर जा भी सकते हैं।

12:35 pm (IST) : सुप्रीम कोर्ट में हिंदू महासभा के वकील विकास ने कहा कि अदालत में डॉक्यूमेंट के आधार पर कब्जे की बात कही गई। उन्होंने अन्य मंदिरो का हवाला देते हुए कहा कि जिस जमीन पर बहस हुई वहां पर जन्मस्थान है। इसी के साथ हिंदू महासभा की बहस का समय ख़त्म हुआ।

12:45 pm (IST) : निर्मोही अखाड़ा की तरफ से सुशील जैन ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि कि बाबर ने मंदिर गिरा कर मस्जिद को बनाया। 1885 से मुस्लिम इस मामले की सुनवाई करने को कहते है, लेकिन ऐसा नही है। हिन्दू महासभा ने कहा 1858 गवर्मेंट आफ इंडिया एक्ट में ब्रिटिश सरकार ने बोर्ड ऑफ कंट्रोल समाप्त कर दिया था। तो ऐसे में अक्टूबर 1860 जन्मस्थान मस्जिद को ग्रांट देने का सवाल नहीं उठता। सुन्नी बोर्ड ने गलत बयानी की है। वहीँ जस्टिस ने कहा कि हमारा समय मत खराब करिए और आगे की बहस शुरू करें। निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपना दावा स्थापित करने में फेल रहा है, साबित उन्हें करना है हमें नहीं।

01:05 pm (IST) : सुनवाई में लंच ब्रेक, ब्रेक के बाद फिर शुरू होगी सुनवाई

16:02 PM (IST) :  सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई खत्म हो गई है. सबसे आखिर में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखी गईं. अब सुप्रीम कोर्ट ने लिखित हलफनामा, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित में जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है.

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