हॉकी खिलाड़ी DSP विवेक को मिलेगा अर्जुन अवॉर्ड:

राष्ट्रपति 13 नवंबर को विवेक का करेंगे सम्मान; निगाह- जूनियर हॉकी वर्ल्डकप का चैंपनियन बनने पर

टोक्यो ओलिंपिक में हॉकी में इंडिया को ब्रॉन्ज मेडल दिलवाने वाले मप्र के इटारसी के छोटे से गांव चांदौन DSP विवेक सागर प्रसाद को अर्जुन अवॉर्ड मिलेगा। 13 नवंबर को विवेक सागर राष्ट्रपति भवन में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विवेक सागर को अर्जुन अवार्ड देंगे। इस अवार्ड के साथ ही डीएसपी विवेक सागर सफलता के शिखर की ओर आगे बढ़ेंगे। साथ ही देशभर में खेल के क्षेत्र में नर्मदांचल का नाम गौरवान्वित होगा।

अर्जुन अवॉर्ड 2021 के लिए देश के 35 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। इनमें हॉकी के 11 खिलाड़ी है। अर्जुन अवार्ड की सूची में मप्र से विवेक सागर एक मात्र खिलाड़ी है। सूची में शामिल होना मप्र के लिए यह गर्व की बात है।

परिवार के साथ दीपावली पर्व मनाया।

परिवार के साथ मनाई दिवाली, आज होंगे उड़ीसा रवाना

हॉकी खिलाड़ी DSP विवेक सागर ने दिवाली पर अपने घर आए है। DSP पद पर जॉइनिंग के बाद एक माह तक विवेक सागर जूनियर हॉकी वर्ल्डकप 2021 की तैयारी के लिए बेंगलुरु रवाना हुए थे। एक माह कैंप करने के बाद दिवाली के एक दिन पहले विवेक अपने गांव चांदौन पहुंचे। माता-पिता-भाई, बहन के साथ और दोस्तों के साथ में उन्होंने दीपावली पर्व मनाया।

अर्जुन अवॉर्ड के बाद बढ़ेगी जिम्मेदारी

DSP विवेक सागर ने कहा अर्जुन अवॉर्ड खेल के क्षेत्र में सर्वोच्च अवॉर्ड है। मुझे गर्व है कि इस अवार्ड से नवाजा जाएगा। इस अवॉर्ड के बाद उम्मीदें और जिम्मेदारी बढ़ेंगी। मेरा प्रयास रहेगा कि अपना बेस्ट से बेस्ट करूं, ताकि जूनियर हॉकी वर्ल्डकप 2021 में हमारी टीम चैम्पियन रहे।

विक्रम अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं विवेक, DSP भी बनाया

टोक्यो ओलिंपिक में हॉकी में इंडिया को ब्रॉन्ज मेडल दिलवाने वाले विवेक सागर मप्र के विक्रम अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके है। मप्र सरकार से उन्हें विक्रम अवॉर्ड दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें DSP भी बनाया है। मुख्यमंत्री चौहान ने 12 अगस्त को भोपाल में की थी।

जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप 2021 के लिए उड़ीसा रवाना हुए विवेक

24 नवंबर से ओडिशा में जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप 2021 होगा। जिसकी तैयारी के लिए भारतीय हॉकी टीम जुट गई है। हॉकी खिलाड़ी डीएसपी विवेक भी इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेगा। दिवाली त्यौहार मनाने के बाद आज शनिवार को विवेक सागर उड़ीसा के भूवनेश्वर रवाना हुए। गांव से भोपाल कार से हुए। दोपहर में भोपाल से फ्लाइट से रवाना होंगे।

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए पिता पढ़ाना चाहते थे

चांदौन गांव के रहने वाले विवेक जब छोटा था। तब परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए पिता को विवेक का हॉकी खेलना पसंद नहीं था। वे चाहते थे कि विवेक पढ़ाई पर ध्यान लगाए और पढ़-लिखकर इंजीनियर बने, लेकिन विवेक को हॉकी खेलने का जुनून चढ़ चुका था। वह चांदौन गांव से इटारसी आते और ग्राउंड पर हॉकी खेलना सीखने लगे। कई बार तो दोस्तों से स्टिक लेकर प्रैक्टिस करते। उनकी इस लगन को देखते हुए मां कमला देवी, बड़े भाई विद्या सागर, बहन पूनम और पूजा सपोर्ट करने लगे। अकोला टूर्नामेंट में हॉकी खेलते समय विवेक पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार की नजर पड़ी थी। उन्होंने विवेक के खेल को देखकर एमपी एकेडमी जॉइन करने का ऑफर दिया था। 13 साल की उम्र में विवेक ने हॉकी एकेडमी जॉइन कर ली थी। हालांकि, बाद में पिता ने भी विवेक का खूब साथ दिया। इसके बाद अकेडमी में आकर विवेक का खेल और निखरने लगा।

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