क्या मैनपुरी तय करेंगी शिवपाल यादव का सियासी भविष्य!

मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही मैनपुरी सीट को बचाने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किसी तरह की कोई भी गुंजाइश नहीं छोड़ी. डिंपल यादव के नामांकन के बाद से

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मैनपुरी (Mainpuri) से सांसद रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ. कल यानि आठ नवंबर को इसके नतीजे जारी होंगे. इससे पहले भले ही परिवार की एकता के नाम पर शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ हो गए हों. लेकिन शिवपाल का सियासी भविष्य मैनपुरी के चुनाव नतीजे पर काफी हद तक टिका है. अगर परिणाम सपा के पक्ष आता है तो शिवपाल को बड़े इनाम के संकेत भी मिल रहे हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी मिल सकती है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो अगर चुनाव परिणाम सपा के पक्ष में आता है तो कार्यकर्ताओं के टूटे हौसले को उड़ान मिलेगी. साथ ही सपा यह संदेश देने की कोशिश भी करेगी कि उसकी मुस्लिम व यादव मतदाताओं में पकड़ बरकरार है.

मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही मैनपुरी सीट को बचाने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किसी तरह की कोई भी गुंजाइश नहीं छोड़ी. डिंपल यादव के नामांकन के बाद से अखिलेश मैनपुरी में डेरा डाले रहे और चाचा शिवपाल यादव के साथ भी अपने सारे गिले-शिकवे दूर कर लिए. बीते चुनाव में एक-दो सभाएं करने वाले सैफई परिवार ने इस बार गांव-गांव की दौड़ लगाई है और घर-घर जाकर वोट मांगे.

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