अखिलेश के नताओ को योगी ने भेजा जेल !

समाजवादी पार्टी की ओर से विधानभवन में धरना देेने के ऐलान के बाद बुधवार सुबह से ही ज्यादातर विधायकों को नजरबंद कर दिया गया।

समाजवादी पार्टी की ओर से विधानभवन में धरना देेने के ऐलान के बाद बुधवार सुबह से ही ज्यादातर विधायकों को नजरबंद कर दिया गया। सपा कार्यालय से लेकर विधानभवन तक छावनी में तब्दील रहा। इस बीच कुछ विधायक और अन्य नेता पार्टी कार्यालय पहुंचे तो उन्हें हिरासत में ले कर ईको गार्डन भेजा गया। इस बीच मुख्य सचेतक ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया है।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, पार्टी कार्र्यकताओं के उत्पीड़न के विरोध, किसानों केबकाया भुगतान और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बुधवार को विधान भवन स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष शांतिपूर्ण ढंग से धरना देने का ऐलान किया था। इसकी जानकारी मिलते ही बुधवार सुबह सपा अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री अरविन्द सिंह गोप तथा विधायक रविदास मेहरोत्रा के साथ प्रदेश के सभी जिलों में विधायकों के आवास पर पुलिस फोर्स लगा दी गई। विधायकों एवं अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।

पार्टी कार्यालय से लेकर विधान भवन तक पुलिस छावनी बना दी गई। इस बीच कुछ विधायक विधानसभा गेट पर पहुंच गए तो उन्हें लौटा दिया गया। सुबह करीब 10 बजे पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय सहित अन्य नेता पार्टी कार्यालय पहुंच गए। वे वहीं धरना शुरू कर दिए। ऐसे में यहां अतिरिक्त फोस लगा दी गई। धरना दे रहे सपाइयों को पुलिस वाहन से ईको गार्डन भेजा गया। इस बीच सपाइयों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। पूर्व एमएलसी राजेश यादव, आनंद भदौरिया, डा. राजपाल कश्यप के कुर्ते फट गए। पुलिस ने उन्हें खींच कर वाहन में बैठाया। यहं से हिरासत में लेकर सभी को ईको गार्डन ले जाया गया। जहां सपा नेताओं ने मुख्य सचेतक मनोज पांडेय के नेतृत्व में दो बजे तक धरना दिया। धरना देने वालों में प्रमुख रूप से मोहम्मद फहीम इरफान, राकेश प्रताप सिंह, चंद्र प्रकाश लोधी, जाहिद बेग, पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह, संतोष यादव सनी, राजेश यादव, आनंद भदौरिया, उदयराज यादव सहित सभी विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद एवं अन्य नेता मौजूद रहे।

भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्यारी : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र की हत्यारी सरकार है। सरकार का रवैया पूरी तरह अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण है। जनता की समस्याओं और जनहित के मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार है। भाजपा सरकार लगातार जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। प्रदेश में आपातकाल जैसे हालात है। जनता और विपक्ष की आवाज को कुचलने का षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि जनता 2024 में भाजपा की इस तानाशाही सरकार को सबक सिखायेगी। समाजवादी सरकारी दमन से दबने या डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि सपा विधायकों के धरने से बौखलाई भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करते हुए समाजवादी पार्टी के विधायकों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को नज़र बंद कर दिया।

19 को पदयात्रा निकालेगी सपा : मनोज पांडेय
समाजवादी पार्टी ने धरने का कार्यक्रम स्थगित कर अब पदयात्रा निकालने का ऐलान किया है। सभी विधायक 19 को अखिलेश यादव के नेतृत्व में पदयात्रा करते हुए पार्टी कार्यालय से विधान भवन पहुंचेंगे। यह जानकारी मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने बुधवार शाम पत्रकारों से  बातचीत में दी। मुख्य सचेतक ने बताया कि पदयात्रा केजरिए सरकार की तानाशाही का विरोध किया जाएगा। अब सपा के विधायक सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ेंगे। भाजपा के किसी भी अत्याचार से डरने वाले नहीं है। उन्होंने बुधवार को धरने के दौरान पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया। बताया कि विधायक शांति पूर्ण धरना देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने मारपीट की। विधायकों और पूर्व विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया। उनके हाथ से नारे लिखी तख्तियां छीन लीं और उन्हें धक्का देकर बसों में ठूंस दिया गया। कई विधायक एवं नेता पुलिस की धक्कामुक्की से घायल भी हो गए। उन्होंने कहा कि पुलिस के हाथ मरोड़ने की वजह से कलाई में चोट आई है। सूजन बढ़ गई है। शाम को  मेडिकल कराएंगे।

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