उत्तराखंड: भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर, NH पर थमे वाहन, स्कूल बंद, पिथौरागढ़ में बर्फबारी

देहरादून. उत्तराखंड में लगातार दो दिनों तक मूसलाधार बारिश के पूर्वानुमान का आज व्यापक असर देखने को मिल रहा है. प्रदेश की राजधानी देहरादून, हरिद्वार, चमोली, पिथौरागढ़ समेत कई जिलों में भारी बारिश ने आम जनों का हाल बेहाल कर दिया है. लगाातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. बरसाती नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे सड़कों पर आवागमन भी प्रभावित हुआ है. चंपावत जिले में बारिश के कारण पहाड़ों से सड़क पर मलबा गिर रहा है, जिससे गाड़ियों के पहिये थम गए हैं. पिथौरागढ़ में बारिश से तापमान में गिरावट के बाद हल्की बर्फबारी भी होने लगी है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुमान के मुताबिक 17 और 18 अक्टूबर को प्रदेश में गरज के साथ मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई थी. इसके मद्देनजर प्रदेश के कई जिलों में रविवार को ही 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया गया था. सोमवार को इस वजह से सभी स्कूल बंद रहे.

मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए 2 दिनों के अलर्ट का असर हरिद्वार में भी साफ नजर आ रहा है. यहां रविवार से हो रही बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है, जिससे सर्दी का अहसास हो रहा है. तेज बारिश की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने आज 12वीं तक के स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग और एसडीआरएफ की टीम हालातों पर अपनी नजर बनाए हुए है.

चंपावत जिले के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण सड़कों पर मलवा आने से टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे घाट बंद है. मौसम के बदले रुख के बाद बरसाती नालों में उफान आने से प्रशासन अलर्ट मोड पर है. अगले तीन दिन तक के लिए पूर्णागिर और रीठा साहिब के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु नहीं आ सकेंगे. प्रशासन ने लोगों बेवजह पहाड़ों में सफर ना करने की अपील की है.

पिथौरागढ़ के ऊंचे इलाकों में बीती रात से जमकर बर्फबारी हो रही है. दारमा घाटी के दांतू गांव और उससे सटे इलाकों में 3 इंच से अधिक बर्फ जमा हो गई है. बर्फ़बारी होने से तापमान में भी भारी गिरावट आई है. यही नहीं ऊंची चोटियां भी बर्फ की सफेद चादर में लिपट गई हैं. हंसलिंग, पंचाचूली और राजरम्भा की चोटियां तो पूरी तरह बर्फ में लिपटी है. वही थल-मुनस्यारी और जौलजीबी-धारचूला रोड लैंडस्लाइड आने के कारण कई जगह बंद है.

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