सपा के मुस्लिम वोटबैंक पर है भाजपा की नज़र, चलने वाली है ये बड़ा दाव!

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि यूपी में पसमांदा मुसलमानों की करीब 4 करोड़ आबादी को किसी न किसी योजना का लाभ मिला है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में आह्वान के बाद पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों की सामाजिक आर्थिक मुक्ति के लिए यूपी बीजेपी भी जुट गई है. 2024 के लोकसभा चुनावों में अपने मुस्लिम आउटरीच के हिस्से के रूप में समुदाय के लिए बीजेपी अपने पहले सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है. 16 अक्टूबर को लखनऊ में यूपी बीजेपी मुस्लिम मोर्चा द्वारा आयोजित होने वाले सम्मेलन में पसमांदा समुदाय के भीतर विभिन्न उप-जातियों के एक हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों की उपस्थिति देखने की उम्मीद है, जो मुसलमानों के बीच लगभग 80 फीसदी मतदान आबादी का हिस्सा है. इस अधिवेशन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी सहित यूपी बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और मंत्रियों के मौजूद रहने की उम्मीद है।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मोर्चा ने विशेष रूप से राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना को एक पसमांदा आमंत्रित किया है, जिन्हें पिछले महीने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद के उच्च सदन के लिए नामित किया गया था. गुर्जर बकरवाल समुदाय से आने वाले खटाना आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारी रह चुके हैं. गुर्जर बकरवाल समुदाय की मौजूदगी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब समेत कुछ उत्तर भारतीय राज्यों में है. इसका पश्चिम यूपी में गुर्जर समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंध है – कैराना से जेल में बंद सपा विधायक नाहिद हसन पसमांदा समुदाय के गुर्जर हैं.

 

उप-जातियों के साथ संचार चैनल स्थापित

यूपी बीजेपी मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने को बताया कि सम्मेलन आयोजित करने के पीछे का विचार पसमांदा मुसलमानों के भीतर विभिन्न उप-जातियों के साथ संचार चैनल स्थापित करना था, जो बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक रूप से गरीब हैं. सूत्रों ने कहा कि गद्दी (गाजी), कुरैशी, मलिक, अंसारी, तुर्क, अल्वी, सैफी और धोबी जैसी कुछ प्रमुख उपजातियों के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि पसमांदा समुदाय केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा शुरु की गई, जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रमुख लाभार्थी रहा है. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि यूपी में पसमांदा मुसलमानों की करीब 4 करोड़ आबादी को किसी न किसी योजना का लाभ मिला है. पसमांदा को मुफ्त राशन योजना के प्रमुख लाभार्थियों में से एक माना जाता है, जिसे मोदी सरकार ने 2020 में कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद शुरू किया था. सूत्रों ने कहा कि बीजेपी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के सम्मेलन की योजना बना रही है. जबकि, वाराणसी में प्रस्तावित सम्मेलन की तारीख की घोषणा की जानी बाकी है. सूत्रों ने यह भी बताया कि यह दिवाली के बाद आयोजित किया जा सकता है. बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय महासचिव और केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव को सम्मेलन में आमंत्रित करने की योजना बनाई है

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