पहलवानों के आरोप पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने दिया ये जवाब

बृजभूषण शरण सिंह जिस तरह से भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) का संचालन सिंह कर रहे हैं, पहलवान उससे तंग आ चुके हैं। बृजभूषण शरण सिंह 2011 से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वह फरवरी 2019 में लगातार तीसरी बार डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष चुने गए थे।

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती में अचानक तूफान खड़ा हुआ। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत करीब 30 पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कई कोच के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगे। इसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत करीब 30 पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए।

देश के नामी गिरामी कुश्ती के पहलवानों के आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ये चाहते हैं कि हम ओलंपिक विजेता हैं, हमारा ट्रायल ना कराया जाए और ट्रायल कराया भी जाए तो पहले नेशनल के विजेता का ट्रायल हो फिर जो जीत कर आए उनके साथ फाइनल इनका कराया जाए। इससे इन्हें दिक्कत हो रही है वहीं गुस्सा इनका आज फूटा है।

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने यह भी कहा कि जहां तक इन खिलाड़ियों का सवाल हैं ये ओलंपिक पदक विजेता हैं। उसमें हमारा भी सहयोग है। ओलंपिक के बाद इन्होंने एक भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया और सब सरकार की स्कीमों का फायदा ले रहे हैं। जब राष्ट्रीय प्रतियोगिता की बात आती है तो इनकी तबीयत खराब हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इनकी तबीयत ठीक हो जाती है। अभी फेडरेशन ने निर्णय लिया कि कोई भी विजेता हो उसे नेशनल खेलना होगा, अगर वे बीमार है तो उसका मेडिकल दे। निर्णय से सरकार को अवगत करा दिया गया था। जो लोग नेशनल लड़ कर आ रहे हैं अगर हम उन्हें बाहर कर देंगे और जो नेशनल लड़ कर नहीं आ रहे हैं उन्हें कैंप में ले लेंगे तो दूसरों के साथ अन्याय होगा। ये पॉलिसी इन्हें पसंद नहीं आई।

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