मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में संपन्न हुआ साइबर एनकाउंटर् पुस्तक (हिंदी वर्जन) का लॉन्च समारोह

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार और सह-लेखक डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक ओ.पी मनोचा की किताब – ‘साइबर एनकाउंटर्स-कॉप्स एडवेंचर्स विद ऑनलाइन क्रिमिनल्स’ का हिंदी वर्जन आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में लॉन्च किया गया, पुस्तक का लॉन्च समारोह देहरादून के सेंट जोसेफ अकादमी सभागार में भव्य रूप से आयोजित हुआ।

अशोक कुमार और ओपी मनोचा की पुस्तक साइबर एनकाउंटर्स, आज के समय में हो रहे ऑनलाइन अपराधों, रैंसमवेयर, कार्ड क्लोनिंग, सेक्सटॉर्शन आदि से जुड़े साइबर अपराध कालेखा जोखा बताती है।

भव्य कार्यक्रम के दौरान लेखक अशोक कुमार ने बताया की आज का द्वार आधुनिक संसाधनों पर पूरी तरह से निर्भर हो चुका है। प्रौद्योगिकी के अत्यंत तेज़ विकास से पूरा जीवन इंटरनेट पर निर्भर हो गया है, कोविड 19 महामारी के बाद से उसका स्तर कई गुना बढ़ गया। उन्होंने बताया की साइबर अपराध कोसो मील दूर बैठ कर तमाम तरीको से ठगी कर सकते है, ऐसे अपराधों को पकड़ना और पहचानना चुनौतीपूर्ण है। आईपीसी के अन्य अपराधों की तुलना में साइबर अपराध तेज़ी से बढ़ रहा है, इसको काबू पाने का बस एक ही समाधान है,” हर व्यक्ति को साइबर सुरक्षा युक्तियों का अच्छे से ज्ञात होना”।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे गणमान्य व्यक्ति

पुस्तक लॉन्च समारोह में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अनिल के. रतूड़ी, डॉ. पीयूष, डॉ. अलकनंदा अशोक, श्रीमती शक्ति मनोचा, श्री अंकुश मिश्रा, सुनीता नेगी, श्री काव्या, और सुश्री चारुल शर्मा (संपादक) उपस्थित थे। सभी गणमान्य अतिथियों ने मंच पर “साइबर एनकाउंटर्स” के हिंदी वर्जन का अनावरण किया, और बढ़ते साइबर क्राइम पर जागरूक रहने के निर्देश दिए।

माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों लेखकों को बधाई दी और साइबर अपराध के विभिन्न पहलुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करने की पुस्तक की क्षमता की प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के युग में साइबर अपराध के तेजी से विकास को देखते हुए यह पुस्तक अत्यधिक जरूरी है।

उत्तराखंड पुलिस ने साइबर क्राइम से निपटने और देश भर से साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने का बेहतरीन काम किया है। हालाँकि, साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता महत्वपूर्ण है, और यह पुस्तक साइबर अपराध जागरूकता के संदेश को जन-जन तक फैलेगी।

कार्यक्रम समाप्त होने से पहले, लेखकों के साथ एक विशेष हस्ताक्षर सत्र था, जिसमें एक लंबी कतार थी। इसी क्रम में युवाओं और साहित्यकारों के बीच संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। युवाओं ने ऑनलाइन गेमिंग, छोटे बच्चों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रोफाइल बनाने, प्रोपगेंडा और फेक न्यूज पर सवाल उठाए। यह सुझाव दिया गया कि समाज में साइबर अपराधों को रोकने के लिए जनता को पुलिस का भागीदार बनना चाहिए और साइबर स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम में साइबर जागरूकता को शामिल किया जाना चाहिए। युवाओं के सवालों का जवाब देते हुए डीजीपी श्री अशोक कुमार ने युवाओं से साइबर क्राइम को रोकने के लिए पुलिस के साथ-साथ साइबर योद्धा के रूप में आगे आने का आग्रह किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. अलकनंदा अशोक के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया।

Related Articles

Back to top button