नहीं हुआ दिल्ली के मेयर का चुनाव, सदन में खूब हुई हाथापाई

दिल्ली मेयर चुनाव से पहले नारेबाजी के बीच भाजपा और AAP पार्षद आपस में भिड़े।

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच जमकर हाथापाई हुई। जिसके बाद मेयर का चुनाव टाल दिया गया। अब भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। सदन में पीठासीन अधिकारी ने जैसे ही मनोनीत सदस्यों को शपथ ग्रहण कराना शुरू किया, हंगामा हो गया। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि पार्षदों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।

कई पार्षद एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकते नजर आए। भाजपा ने आम आदमी पार्टी के पार्षदों पर मारपीट का आरोप लगाया है। दावा है कि कई पार्षदों को चोट भी लगी है। बढ़ते हंगामे को देखते हुए पीठासीन अधिकारी ने चुनाव टाल दिया। अब मेयर चुनाव के लिए उपराज्यपाल फिर से कोई तिथि घोषित करेंगे।

इस घटना को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सड़क पर घसीटकर बेटियों को मारने से लेकर सदन में विपक्ष के नेताओं को लहूलुहान करने तक …. इन्हें हत्या, मारपिटाई और गुंडागर्दी के अलावा कुछ आता है या नहीं.

MOS और BJP सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कोई भी महिला हो वे किसी भी जगह हो उसे खींचना धक्का देना नीखून मारना किसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। हमारे पार्षदों के साथ मारपीट की गई। ये(AAP) तो आपराधिक गतिविधियों को लिए ही जाने जाते हैं।

आम आदमी पार्टी ने पार्षद शैली ओबेरॉय को मेयर प्रत्याशी बनाया है जबकि भाजपा की ओर से रेखा गुप्ता मैदान में हैं। उपमहापौर पद के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने आले मोहम्मद इकबाल और भाजपा ने कमल बागड़ी को उम्मीदवार बनाया है।मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से कांग्रेस ने दूर रहने का फैसला लिया था। दिल्ली नगर निगम चुनाव में इस बार कांग्रेस के नौ प्रत्याशियों को जीत मिली थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने गुरुवार को ही इसका एलान कर दिया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस पार्टी को जनता का समर्थन प्राप्त नहीं हुआ जिसका सम्मान करते हुए कांग्रेस पार्टी ने मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के सदस्यों की वोटिंग से दूर रहने का फैसला लिया है।

आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का आरोप है कि उपराज्यपाल ने नियमों के खिलाफ जाकर पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया। परंपरा के अनुसार सदन में बहुमत प्राप्त दल से ही पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है, लेकिन भाजपा ने उपराज्यपाल के माध्यम से अपना पीठासीन अधिकारी नियुक्त करवा दिया। आरोप लगाया कि इनके माध्यम से परंपरा से उलट जाकर निर्वाचित सदस्यों से पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ ग्रहण करवाया गया। संजय सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि भाजपा नियमों में बदलाव कर मनोनीत सदस्यों को भी मेयर पद के लिए वोटिंग में मतदान का अधिकार देना चाहती है। आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश है जिसे स्वीकार नहीं किया जायेगा।

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