अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सबसे ज्यादा आघात भाजपा राज में हुआ : अखिलेश यादव

साल 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए भयानक आतंकी हमले (26/11 Mumbai Attack) के आज 12 साल हो गए हैं इस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आज के ही दिन 26 नवम्बर 1949 को ‘सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य‘ का संविधान अंगीकृत और आत्मार्पित किया गया था। भारत के इस संविधान की उद्देशिका में सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने और व्यक्ति की गरिमा एवं राष्ट्रीय अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने का दृढ़संकल्प भी घोषित किया गया था।

इस विषय पर आगे बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि “संविधान निर्माता बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने तब यह चेतावनी दी थी कि संविधान के प्रयोग में नीति और नीयत की भी अहम भूमिका होगी। ऐसे में यह आवश्यक है कि लोकतंत्रात्मक गणराज्य भारत में सत्ता के शीर्ष में बैठे लोगों की लोकतंत्र में अटूट निष्ठा होनी चाहिए। लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, यह बात भुलाई नहीं जा सकती।

भाजपा राज में सामाजिक न्याय की अनदेखी

संविधान उद्देशिका में जिस सामाजिक न्याय, राष्ट्रीय एकता एवं विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जिक्र है उन सबकी भाजपा राज में अनदेखी हो रही है। समाजवादी पार्टी बराबर यह मांग उठाती रही है कि जाति आधारित जनगणना हो ताकि हर समाज को संख्या बल पर सानुपातिक प्रतिनिधित्व हासिल हो सके। भाजपा इसके विरोध में है क्योंकि वह आरक्षण समाप्त करना चाहती है। डाॅ. लोहिया ने पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए विशेष अवसर का सिद्धांत दिया था, भाजपा उसे लागू करना नहीं चाहती है।

उन्होंने कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सबसे ज्यादा आघात भाजपा राज में हुआ है। असहमति को देशद्रोह का तमगा दिया जाने लगा है। बच्चों को मिड-डे-मील में नमक-रोटी दिए जाने का सच दिखाने पर पत्रकार को जेल भेज दिया जाता है। सच लिखने पर पत्रकारों की जानें तक चली गई है। सरकार का रवैया एकपक्षीय रूप से समाज के कमजोर वर्ग पर हमलावर जैसा है। उपासना और धार्मिक विश्वासों पर चोट की जा रही है। समाज को बांटने वाली विचारधारा का प्रचार किया जा रहा है। भाषा की मर्यादा भूलकर विद्वेषकारी बयान दिए जाते हैं।

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