मास्टरशेफ इंडिया ने शुरू किए ऑडिशन  राउंड्स

कुकिंग रियलिटी शो 'मास्टरशेफ इंडिया' पहले ही लोगों के दिलों में जगह बना चुका है। 

नई दिल्ली। जाने-माने शेफ्स – रणवीर बरार, विकास खन्ना और गरिमा अरोड़ा द्वारा जज किए जा रहे इस शो ने ऐसे होम कुक्स की खोज का सफर शुरू कर दिया है, जिन्हें “मास्टरशेफ” में बदला जा सकता है। ऑडिशन राउंड्स के बाद, जहां सभी जजों ने कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद से टॉप 36 कंटेस्टेंट्स को चुना है, वहीं अब इस प्रतिष्ठित खिताब के लिए मुकाबला शुरू होगा।

तिनसुकिया के खाना पकाने के जुनून को आगे बढ़ाने के लिए यह शेफ खुद नयनज्योति को लेने गए थे, जहां उन्होंने नयनज्योति के पिता को इस बात के लिए मनाया था कि वो अपने बेटे को उसके सपने पूरे करने की इजाजत दें। लुधियाना, पंजाब की कमलदीप कौर किचन का अपना सफर बताएंगी कि कैसे उन्हें एक बार अपने परिवार के लिए जिम्मेदारियां उठानी पड़ीं, जिसमें वो अकेली कमाने वाली थीं। जीवन की कसौटी पर खरी उतरने के बाद, वो खाना पकाने की अपनी लगन के साथ मजबूती से सामने आईं।

77 वर्षीय उर्मिला आशेर, जिन्हें प्यार से मुंबई की ‘बा’ कहकर बुलाया जाता है, यह दिखाएंगी कि अनुभव के चलते प्लेट में क्या परोसा जा सकता है। दुर्भाग्य से, उनके बेटों का निधन हो गया, लेकिन परिवार की एक कमाने वाली सदस्य के रूप में उनके लिए एकमात्र प्रेरणा है खाना। तेजपुर, असम की सांता शर्मा अपने बनाए खाने और थाली के जरिए गर्व के साथ असम की अपनी जनजाति का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं। सांता ने 8 साल की उम्र में रसोई के चूल्हे के आसपास रहते हुए अपना सफर शुरू किया था और अब उनका सपना है कि वो अपनी खुद की एक होम बेकरी खोलें।

मास्टरशेफ इंडिया में अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में बात करते हुए रणवीर बरार कहते हैं,”मैं मास्टरशेफ में सिर्फ स्वाद की खोज करने नहीं आया हूं, बल्कि उस स्वाद के पीछे के किस्सों और कहानियों को भी सुनता हूं। ऐसा इसलिए है क्योंकि खाना पकाना बिल्कुल कहानियां सुनाने जैसा है। मैं होम कुक की डिशेज़ के पीछे के कुछ मसालेदार किस्सों को चखने आया हूं, जिनका फैन बनेगा पूरा हिंदुस्तान।” शेफ विकास खन्ना ने रिश्ते मजबूत करने वाले फूड की खोज पर ध्यान केंद्रित किया, “हमारे देश में, भोजन एक ऐसा त्यौहार है जिसे मनाया जाना चाहिए, जो रिश्तों को मजबूत बनाता है, दोस्तों को करीब लाता है और परिवारों को एक साथ जोड़ता है। मास्टर शेफ वही बनेगा, जिसकी डिश का स्वाद हमारी ज़ुबान को ही नहीं, हमारी रूह को भी जीत लेगा।”

 

 

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