तेजस्वी के नाम की पर्ची हटाई , नीतीश के सामने हुआ अपमान।

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच तल्खी की खबरों के बीच शुक्रवार को एक बड़ा संकेत मिला जिसमें जदयू और राजद के रिश्तों में दरार देखने को मिला।

गणतन्त्र दिवस समारोह के बाद राजभवन में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने हाईटी पार्टी दी। लेकिन इसमें न तो तेजस्वी यादव और ना ही उनके दल से आने वाले विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पहुंचे।राजद की ओर से किसी भी नेता के नहीं आने से एक तरह से यह क्लियर हो गया कि नीतीश और तेजस्वी के बीच का अध्याय अब बंद हो चुका है. वहीं दूसरी ओर हाई टी पार्टी में एनडीए नेताओं के साथ नीतीश की नजदीकियां दिखी।

नीतीश कुमार के साथ भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा और हम प्रमुख जीतन राम मांझी गर्मजोशी से मिलते दिखे।इतना ही नहीं नीतीश कुमार के एनडीए में जाने की अटकलों पर भी राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश को सब साफ़ करना चाहिए। राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बिहार की सियासत पर नीतीश कुमार से बड़ा सवाल किया।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। ऐसे में नीतीश कुमार को खुद ही सबकुछ क्लियर करना चाहिए। उन्हें सामने आकर तमाम अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश करनी चाहिए।

नीतीश ने नहीं की बात नीतीश और तेजस्वी के बीच शुक्रवार सुबह भी दूरी देखने को मिली थी। पटना के गांधी मैदान में आयोजित गणतन्त्र दिवस समारोह के दौरान नीतीश और तेजस्वी दोनों ही एक मंच पर करीब 90 मिनट रहे। लेकिन दोनों के बीच कोई बातनहीं हुई। इतना ही नहीं तेजस्वी के अभिवादन का भी सीएम नीतीश ने कोई खास जवाब नहीं दिया। इससे साफ़ संकेत मिला कि नीतीश कुमार ने अब तेजस्वी यादव से दूरी बना ली है।

वहीं दोपहर बाद राजभवन के कार्यक्रम से तेजस्वी और राजद नेताओं ने गायब होकर साफ कर दिया कि अब नीतीश के साथ उनके रिश्ते खत्म होते प्रतीत हो रहे हैं। अशोक चौधरी ने पर्ची हटाने के साथ कर दिया साफ  राजभवन में जब तेजस्वी नहीं आए तो उनके नाम की लगी पर्ची भी हटा दी गई।कुर्सी पर लिखे तेजस्वी यादव के नाम की पर्ची को नीतीश कुमार के इशारे पर अशोक चौधरी ने उखाड़कर फेंक दिया और खुद उस कुर्सी पर बैठ गए और नीतीश कुमार को मोबाइल में कुछ दिखाने लगे।

राजभवन से इस पूरे वाक्ये का वीडियो भी सामने आया है। जिसके बाद अब यह तय हो गया है कि तेजस्वी के नाम की पर्ची के साथ बिहार में उनकी सरकार को भी किनारे लगा दिया गया है।

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