BJP को झटका! 5 विधायकों ने छोड़ा पार्टी साथ, ये है वजह

इस बीच 5 और विधायकों ने पार्टी के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप को छोड़ दिया

कोलकाता. इस साल मई में बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से बीजेपी (Bengal BJP) के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. वहां कई बड़े नेता अपनी पार्टी को छोड़ तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं. बीजेपी नेताओं की नाराज़गी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच 5 और विधायकों ने पार्टी के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप को छोड़ दिया है. इन विधायकों की नाराज़गी की वजह उनके समुदाय के नेताओं को तरजीह न देना बताया जा रहा है. दरअसल शनिवार को जिला स्तर पर कई फेरबदल किए गए. लेकिन विधायक इससे खुश नहीं है.

पार्टी के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने वाले भाजपा विधायक हैं- असीम सरकार (नादिया में हरिंघाटा विधायक), अंबिका रॉय (नादिया में कल्याणी विधायक), सुब्रत ठाकुर (उत्तर 24-परगना में गायघाट विधायक), मुकुट मणि अधिकारी (राणाघाट दक्षिण नदिया में विधायक) और अशोक कीर्तनिया (उत्तर 24-परगना जिले में बनगांव उत्तर विधायक).

क्यों नाराज़ हैं विधायक?

कहा जा रहा है कि अधिकांश विधायक मटुआ समुदाय के हैं और ऐसी अटकलें हैं कि उन्होंने पार्टी के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप को छोड़ दिया है. दरअसल उनके समुदाय के नेताओं को फेरबदल सूची में जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारी विभागों और संयोजक की सूची में प्रमुखता नहीं दी गई. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है. हो सकता है कि कोई नाराज़ हो लेकिन पार्टी में ऐसे मंच हैं जहां ऐसे मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है.’

BJP विधायकों की घर वापसी!

इस असंतोष के साथ ही पश्चिम बंगाल में भाजपा के अंदर दरारें खुल कर सामने आ गई है. 11 मई को मुकुल रॉय के ममता बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी में फिर से शामिल होने के बाद से राजनीतिक तस्वीर तेजी से बदल रही है. कई टीएमसी नेता जिन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का हाथ थाम लिया था वे अब ‘घर वापसी’ के लिए टीएमसी के साथ लगातार संपर्क में है.

विधायकों को मनाने की कोशिश

सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेता शांतनु ठाकुर, जो केंद्रीय राज्य मंत्री, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय भी हैं, ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पांच असंतुष्ट विधायकों के साथ इस मामले पर चर्चा करने का समय मांगा है. बता दें कि ठाकुर खुद मटुआ समुदाय से हैं.

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