MP के CM ने बैंड मास्टर के घर गुजारी रात:सुबह शेविंग कर मंदिर गए शिवराज

कहा- मंत्रालय में बैठकर जनता का दर्द नहीं जान सकते

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फिर नया अंदाज सामने आया है। इस बार उन्होंने बैंड मास्टर तुकाराम गवई के घर रात गुजारी। सीएम शनिवार को बुरहानपुर में खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बहादरपुर गांव में प्रचार के लिए गए थे। इसी दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने तुकाराम के घर में उन्होंने भोजन किया। केले के पत्त्ते पर बैंगन का भर्ता, ठेंचा, भिंडी की सब्जी, दाल, चावल और मावे की जलेबी का लुत्फ उठाया। यही नहीं, सुबह 6 बजे जागते ही खुद शेविंग भी की। इसके बाद 8 बजे बहादरपुर स्थित मंदिर में दर्शन के लिए गए।

सीएम ने कहा कि हमारा मकसद सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के घर तक पहुंचना है। देखना चाहते हैं कि जमीनी स्तर पर लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। मंत्रालय में बैठकर किसी का दर्द नहीं जाना जा सकता। महलों में तो कोई भी सो सकता है। परिस्थितियां, अपेक्षाएं जब पता चलती हैं तो ऐसे में नई योजना का जन्म हो जाता है। मेरे लिए साढ़े आठ करोड़ का परिवार है।
मुख्यमंत्री ने बैंड मास्टर के यहां भोजन भी किया।

चारपाई पर लगाई चौपाल
उधर, शिवराज सिंह चौहान जब मंदिर के लिए निकले तो कुछ लोगों ने उनसे मुलाकात की और कहा कि कोरोना काल में हम बेरोजगार हो गए हैं मामाजी। इसके बाद उन्होंने खटिया पर बैठकर गांव वालों से चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो रही हैं। उनके साथ पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस भी मौजूद थीं।
चारपाई पर बैठकर लोगों से बात करते सीएम शिवराज सिंह चौहान।

जिस घर में रुके, उसका कामकाज दो साल से ठप
सीएम शिवराज सिंह जिस बैंड मास्टर तुकाराम सीताराम गवई के यहां रुके, उसका काम भी दो साल से ठप है। तुकाराम ने सीएम से कहा कि दो साल से बैंड-बाजे वाले परेशान हो रहे हैं। शादी, विवाह में बैंड बजाने की अनुमति नहीं मिल रही। सीएम ने कहा- जल्द चालू करा देंगे।

बैंड मास्टर तुकाराम ने सीएम से हाथ जोड़कर काम शुरू करवाने की गुहार लगाई।

सीएम को घर में देख आश्चर्यचकित, कहा- ऐसा नहीं सोचा था
तुकाराम के घर में दो ही कमरे हैं। एक कमरे में मुख्यमंत्री सोए और दूसरे कमरे में पति-पत्नी, दो बच्चे और बेटा-बहू थे। सुबह सीएम ने कहा कि समझ सकता हूं कि इससे परिवार को कष्ट हुआ होगा, लेकिन योजनाओं की हकीकत जानने के लिए हम कहीं न कहीं जाकर रात में रुकते हैं।

सीएम के आने के बाद एक कमरे में बैठा पूरा परिवार।
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