Shimla: मेहली शोघी सड़क की हालत खस्ता

32 किलो के इस बाइपास पर 39 स्थान ऐसे हैं जहां भूसस्खलन सड़क के धंसने या फिर सड़क पर गड्डे भरे हुए हैं।, सेब सीजन में बनता है परेशानी

ऊपरी शिमला के पराला व भट्टाकुफर में बिकने वाले सेब को देश की मंडियों में पहुंचाने के लिए शिमला से बाहर निकालने के लिए मेहली शोघी सड़क से ट्रकों को भेजा जाता है। इस सड़क की हालत ये हैं कि यहां से वाहनों को चालकों को अपने जोखिम पर ही ले जाना है। 32 किलो के इस बाइपास पर 39 स्थान ऐसे हैं, जहां भूसस्खलन, सड़क के धंसने या फिर सड़क पर गड्डे भरे हुए हैं। इसी मार्ग से हर साल सेब को देश की बड़ी मंडियों मे भेजा जाता है। इस सड़क के बीच में ऐसी कई जगह हैं, जहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं रह गया है।

सड़क में में 39 ऐसे स्थान है, जहां अमूमन भूस्खलन या फिर वाहनों को नुकसान का खतरा बना रहता है। मैदानी इलाकों से भी सेब लेने के लिए ट्रकों को शोघी बाईपास से होते हुए ही भेजा जाता है। भट्ठाकुफर से ट्रकों को लोड करके मौहली शोघी बाईपास से होते हुए जाना पड़ता है। इस दौरान मार्ग पर कई जगहों पर भूस्खलन व मार्ग गिरने का खतरा बना रहता है। सीजन जुलाई से सितंबर के बीच में ही जाता है। इन्हीं महीनों के बीच बरसात का दौर भी रहता है।

इस सड़क के बंद होने से हर सीजन में बाहरी राज्यों वाले सेब के ट्रालों को अपने गंतव्य तक सेब पहुंचाने में लंबा इंतजार करना पड़ता है। हर सीजन में ट्रालों को दुर्घटनाग्रस्त होन से जाम लग जाता है। मैहली शोघी बाईपास पर हर वर्ष सेब सीजन के दौरान कई ट्राले खराब या दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। इसका कारण इस सड़क की खस्ता हालत रहती है। हर वर्ष करोड़ों का सेब मैहली शोघी बाईपास से जाता है। ऐसे में भूस्खलन होने या फिर सड़क की खराब हालत से वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से बागवानों से लेकर ट्राला संचालकों को भी परेशानी होती है।

सीजन के दौरान शहर का ट्रेफिक प्रभावित न हो, इसलिए बायपास ही ट्रकों को भेजा जाता है। ट्रकों से शहर में जाम न लगे, इसके लिए शहर के बाहर से ही एक बायपास का निमार्ण कर रखा है। यहां से ट्रकों को भेजा जाता है।

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