ऐसे पकड़े गए डॉ प्रियंका रेड्डी के साथ बर्बरता के घिनौने आरोपी

हैदराबाद रेप केस में चारों आरोपियों मोहम्मद आरिफ, चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलु, जोल्लु शिवा और जोल्लु नवीन को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामला गरमाने के बाद इन चारो को पकड़ने में पुलिस ने 48 घंटे से भी कम समय लिया। इस मामले में प्रियंका के घरवालों की मशक्कत से लेकर, पुलिस कड़ी दर कड़ी किस तरह आरोपियों तक पहुंची, आइए जानते हैं।

1. महिला डॉक्टर प्रियंका रेड्डी ने अपनी बहन के पास फ़ोन किया। और बताया कि प्रियंका की स्कूटी का टायर पंक्चर हो गया, इसलिए वह टोल प्लाजा के पास फंस गई। उन्होंने फ़ोन पर कहा था कि कुछ आदमी प्रियंका को मदद ‘ऑफर’ कर रहे हैं। इसके बाद प्रियंका का फ़ोन ऑफ हो गया।

2. प्रियंका की बहन और पिता टोल प्लाजा के पास पहुँचे और प्रियंका को न पाकर ढूंढने लगे। हारकर दोनों पास के पुलिस स्टेशन पहुंचे। पुलिस स्टेशन में उनसे कहा गया, ये उनके थाने के मामला नहीं है, दूसरे थाने में जाए जहाँ का मामला है। इस समय रात के 3 बजे थे। ‘समय की गंभीरता’ देखते हुए प्रियंका की बहन घर चली गई। और उनके पिता दो सिपाहियों के साथ प्रियंका को ढूंढते रहे।

3. शुक्रवार सुबह टोल प्लाजा से करीब 30 किमी दूर एक किसान ने पुलिस को सूचना दी कि उसने एक जला हुआ शव देखा है। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर के परिवार के लोगों को घटनास्थल पर बुलाया। अधजले स्कार्फ और गोल्ड पेंडेंट से डॉक्टर के शव की पहचान हुई। वो प्रियंका थी।

4. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जहाँ प्रियंका के साथ सामूहिक बलात्कार, पेट्रोल छिड़ककर ज़िंदा जलाये जाने की पुष्टि हुई। इस समय तक मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ चुका था।

5. काबिल पुलिस सक्रिय हुई। प्रियंका की बहन के बयान के आधार पर सबसे पहले टोल प्लाज़ा के पास टायर मैकेनिक की तलाश शुरू की। जैसे ही पुलिस मैकेनिक के पास पहुंची, उसने बता दिया कि उसके पास लाल रंग की एक स्कूटी टायर ठीक कराने के लिए आई थी। उसने ये भी बताया कि वो रॉन्ग साइड (उल्टी तरफ से) से स्कूटी को लेकर आए थे।

6. पुलिस को रोड की दूसरी तरफ एक फैक्ट्री दिखी, जहां बाहर की तरफ सीसीटीवी लगे थी। तुरंत ही इन फुटेज को खंगाला गया। यहां देखा गया कि दो आरोपी स्कूटी के साथ आगे बढ़ रहे थे। एक दूसरे फुटेज में काफी देर से खड़ा एक ट्रक भी दिखा, लेकिन अंधेरा होने के चलते ट्रक के नंबर का पता नहीं चला।

7. पुलिस ने सीसीटीवी के इसी फुटेज को 6-7 घंटे पीछे करके देखा तो पता चला कि ये ट्रक दिन में ही वहां पार्क किया गया था। ट्रक का नंबर मिलते ही पुलिस ने इसके मालिक की तलाश शुरू की। पता चला कि इसका मालिक श्रीनिवास रेड्डी है, जिसके पास 15 ट्रक थे।

8. ट्रक के मालिक को सीसीटीवी के फुटेज दिखाए गए। उसने उस संदिग्ध को नहीं पहचाना, जो स्कूटी लेकर आगे बढ़ रहा था। लेकिन मालिक ने ये जरूर बताया कि उस ट्रक को मोहम्मद आरिफ नाम का ड्राइवर चलाता है।

9. इस बीच पुलिस की एक दूसरी टीम ने पास के एक पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया। यहां फिर वहीं संदिग्ध दिखा जो स्कूटी को मैकेनिक के पास लेकर जा रहा था। ये शख्स यहां एक बोतल में पेट्रोल या डीज़ल खरीद रहा था।

10. पुलिस की टीम ने मोबाइल के टावर लोकेशन की मदद से आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर आरिफ को भी कॉल किया, जिसका नंबर उसके मालिक ने दिया था। इन दोनों की जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम आरोपियों तक पहुंच गई।

11. इस दौरान प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी करने, और मामले की संगीनता को पहले न समझने के आरोप में 3 पुलिसवालो को ससपेंड कर दिया गया।

12. चारो आरोपियों को शादनगर के मजिस्ट्रेट ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि मजिस्ट्रेट को थाने में पीछे के दरवाज़े से लाया गया। क्योंकि आगे के दरवाज़े पर आरोपियों को मृत्युदंड की मांग कर रही जनता खड़ी थी।

13. आरोपियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही जनता से पुलिस ने शांति का अनुरोध किया। गुस्साई जनता के शांत न होने पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया गया।

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