सड़क बन गयी नदी, उत्तराखण्ड में घर से बाहर निकलने के लाले

उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ की वजह से परेशानियां ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जहाँ बाढ़ की वजह से फसलें ख़राब हो गई हैं और बारिश की वजह से बिजली का उत्पादन बंद हो गया है, वहीं भूस्खलन की वजह से जगह-जगह रास्ते बाधित हो रहे हैं। कई जगह तो सड़क इतनी कच्ची हो गई है कि पानी की तरह टूट कर बह रही है।

मंगलवार रात को भी चंपावत में एनएच 9 से 10 मीटर सड़क के टूट कर बहने की खबर आई है। इसके बाद ज़िला प्रशासन के काम में तेज़ी आई और इस रास्ते को रोक दिया गया। इसकी वजह से टनकपुर-चंपावत रस्ता बाधित हो गया और बड़ी संख्या में वाहन फंस गए। मंगलवार रात को टनकपुर जा रही बस भी फंस गई थी जिसके यात्रियों को बाद में दूसरी गाड़ी से टनकपुर भेजा गया। टनकपुर-ककराली गेट और चम्पावत से वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया और पहुंचे हुए वाहनों को वापिस भेज दिया गया। जिला प्रशासन के अनुसार बाधित सड़क को अब यात्रियों के आवागमन के लिए खोल दिया गया है। मलबे को साफ़ करने में प्रशासन को 17 घंटो का समय लगा।

दूसरे इलाके भी ग्रस्त

वहीं दूसरे इलाको की बात करें तो आराकोट से त्यूणी और आराकोट से स्नेल के बीच दो स्थानों पर नेशनल हाइवे 400 मीटर ध्वस्त हो गया था। बुधवार शाम को इस मार्ग पर यातायात बहाल कर दिया गया। अब शिमला और उत्तराखंड दोनों ओर से आराकोट उससे जुड़े क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी के साथ शुरु हो सकेगा। दरअसल आपदा की वजह से उत्तरकाशी के आराकोट और आसपास के इलाकों में सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। यहां सड़कें या तो एकदम टूट गई है या उनपर मलबा गिर गया है जिससे वाहनों की आवाजाही बंद है। इस वजह से यहां का राहत कार्य हेलीकाप्टर से किया जा रहा था लेकिन बुधवार को एक हैलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब कार्य रोक दिया गया है।

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