लैन्कैस्टर यूनिवर्सिटी का शोध:अंग्रेजी ग्रामर हो रही है खत्म,

प्रोग्रेसिव स्पेलिंग का चलन; ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शब्द सीमा के कारण नए व्याकरण का दौर

इस नए चलन का अंग्रेजी भाषाविदों ने विरोध किया है। उनका मानना है कि ये अंग्रेजी के लिए ठीक नहीं।

सोशल मीडिया पर मैसेजिंग से संवाद में कई गुना तेजी आई है, लेकिन पिछले 30 साल के दौरान अंग्रेजी ग्रामर सोशल मीडिया पर खत्म हो रही है। ट्विटर जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जहां शब्द सीमा होती है, अंग्रेजी ग्रामर का अपॉस्ट्रोपी एस (’s) लगभग खत्म ही हो गया है। यूजर्स अब अंग्रेजी की स्थापित वर्तनी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अंग्रेजी में अपॉस्ट्रॉफी एस का इस्तेमाल किसी का अधिकार या मालकियत दिखाता है। अब लोग अपॉस्ट्राफी की जगह साधारण एस जोड़कर लिखने लगे हैं, जो बहुवचन के लिए इस्तेमाल होता है।

ब्रिटेन की लैन्कैस्टर यूनिवर्सिटी के हाल के एक शोध में ये तथ्य सामने आए हैं। शोध का नेतृत्व करने वाले डॉ. वैलकैव ब्रिजिनिया का कहना है की हमने पिछले तीन दशकों के दौरान तकनीक में जबरदस्त बदलाव देखे हैं। तकनीक ने हमारे संवाद के तरीकों को बदल दिया है। लिखित भाषा अब और भी ज्यादा क्रियाशील बन गई है। आपने जाे भी लिखा वो सब चंद ही पलों में दुनिया भर में पढ़ लिया गया।

सोशल मीडिया पर अंग्रेजी वर्णमाला का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। अंग्रेजी की स्थापित ग्रामर की बजाए नए तरीकों से शब्दों को लिखने के चलन को प्रोग्रिसव स्पेलिंग कहा जाता है। इस चलन का अंग्रेजी भाषाविदों ने विरोध किया है। वे कहते हैं कि ये अंग्रेजी के लिए ठीक नहीं।

टेक्नोलॉजी से जुड़े वीलाॅग, फिटबिट और बिटकॉइन जैसे शब्द इंटरनेट पर लोकप्रिय हुए
शोध के अनुसार टेक्नोलॉजी से जुड़े वीलॉट, फिटबिट और बिटकाइन जैसे शब्द इंटरनेट पर लोकप्रिय हुए। इंटरनेट से पहले ये शब्द चलन में नहीं थे। बहुवचन के लिए लगन वाले अपॉस्ट्रोपी एस का उपयोग अब सोशल मीडया पर मात्र 8 फीसदी लोग ही करते हैं। whom (हूम) शब्द का उपयोग 52 फीसदी और shall (शैल) का 60 फीसदी कम हो गया। Mr. और Mrs. का इस्तेमाल भी बहुत कम हो गया है। फर्स्ट नेम से ही संबोधित किया जाता है। amazing (अमेजिंग) प्रति 10 लाख शब्दों में 600 फीसदी बढ़ा है।

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