बाढ़ ने बिगाड़ दी बनारस के इस आदर्श गांव की सूरत, हरी सब्ज़ियों का गढ़ था यहां

बाढ़ का कहर इस दिनों पूरे पूर्वांचल को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। गंगा के विकराल रूप से कई इलाके प्रभावित हो रहे हैं। इनमे पीएम मोदी द्वारा आदर्श गांव घोषित एक रमना(Ramana) गाँव भी है। गंगा का पानी खेतों में घुसने से यहां के किसानों के लिए संकट पैदा हो गया है।

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा खतरे के निशान से ऊपर 71.93 है। जबकि वाराणसी(Varanasi) में खतरे का निशान 71.26 है, यानी पीएम की काशी में गंगा 67 सेंटीमीटर ऊपर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा में उफान आने से काशी के रमना(Ramana) गाँव की स्थिति चिंताजनक हो गयी है। बाढ़ की वजह से गाँव के सभी खेत पानी में डूब गए हैं। वहीँ किसानों की माने तो उन्हें करीब 8 करोड़ की फसल का नुकसान हुआ है। दरअसल इस गांव के किसान फल और सब्जियां उगा कर ही अपनी जीविका चलाते है। ऐसे में बाढ़ की वजह से यहाँ के निवासियों की जीविका को गहरा झटका लगा है।

मोदी और कलाम दे चुके हैं पुरस्कार

गौरतलब है कि बनारस का यह गाँव(Ramana) राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा पुरस्कृत किया गया था। यहां के किसानों को हरी सब्जियां उगाने और उत्तम पैदावार के लिए राष्ट्रपति कलाम ने पुरस्कार दिया था। वहीँ पीएम मोदी ने भी इस गाँव को आदर्श गांव घोषित किया था। लेकिन वर्तमान स्थिति में यहां के किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे है। बाढ़ के कारण इनके खेतो में पानी भर गया है और लगाई वही फसल सेम,नेनुआ, कोहड़ा, करेला जैसी कई हरी सब्जियां बर्बाद हो गयी है। गाँव की करीब 200 से 500 बीघा खेत पानी मे जलमग्न है। इसके अलावा किसान बताते है कि इन्होंने पट्टे और कर्ज लेकर इन सब्जियों की पैदावार की थी। लेकिन फसल की रोपाई से पहले ही फसलें नष्ट हो गयी। इससे किसानो के लिए बड़ी मुसीबत कड़ी हो गई है।

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