विधायकों का ग़ुस्सा सचिन पायलेट पर भारी ना पड़ जाए

राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह ने दावा किया है कि विधायक अत्यंत गुस्से में है और इस्तीफा दे रहे है, विधायको के मन में गुस्सा इस बात को लेकर है की

राजस्थान की राजनीति पल-पल बदल रही है। आज यानी रविवार शाम सात बजे विधायक दल की बैठक होनी थी लेकिन इससे पहले अचानक गहलोत गुट के विधायक सक्रिय हो गए हैं। मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर गहलोत समर्थक विधायकों ने एक बैठक रखी ।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले शांति धारीवाल के आवास पर हुई बैठक में गहलोत गुट के विधायकों ने एक प्रस्ताव रखा है। जिसमें कहा गया है कि 2020 सरकार के खिलाफ बगावत कर मानेसर जाने वाले विधायकों को किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री ना बनाया जाए। बगावत करने वाले 18 विधायकों को छोड़कर किसी को भी आलाकमान मुख्यमंत्री बना दे। गहलोत गुट के सभी विधायक उसका समर्थन करेंगे।

इस बीच एक बात साफ है की राजस्थान के विधायक किसी हाल में ये नहीं चाहते है की सचिन पायलेट राजस्थान मुख्यमंत्री कुर्सी के इर्द गिर्द भी भटके । गहलोत गुट के करीबी मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर 56 से ज्यादा विधायक पहुंचे हैं। इनमें निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला। गोपाल मीणा, राजेंद्र पारीक, महेंद्र चौधरी, रामलाल जाट, महेश जोशी, नगराज मीणा, जेपी चंदेलिया और दीपचंद खेरिया सहित अन्य विधायक शामिल हैं। इधर, अचानक बदले समीकरण के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होटल मेरियट के लिए रवाना हो गए , वह अजय माकन और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से ताजा हालातों को लेकर चर्चा करेंगे।

इसी बीच सचिन पायलेट भी सीएम आवास पर पहुंच चुके है और अशोक गहलोत व अन्य विधायको के साथ विधायक दल की मीटिंग होने के बाद देश व प्रदेश की सियासत में एक बड़ा अंतर देखने को मिल सकता है ।

वहीं राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह ने दावा किया है कि विधायक अत्यंत गुस्से में है और इस्तीफा दे रहे है, विधायको के मन में गुस्सा इस बात को लेकर है की सीएम अशोक गहलोत ने बिना विधायको की सलाह लिए बेगैर फैसला कैसे सुना दिया।

हालाकि आज की रात कांग्रेस के लिए फैसले की रात मानी जा सकती है जिसमे कई बड़े फैसले दुनिया के सामने आ सकते है

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