दिवाली से पहले घटेंगे खाद्य तेलों के दाम? राज्यों के साथ आज केंद्र सरकार करेगी चर्चा

देश में इन दिनों खाद्य तेलों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं। त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव सुधांशु पांडेय के आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर भारत भर में खाद्य तेलों की मांग, उपलब्धता, स्टॉक और कीमतों पर चर्चा करने की उम्मीद है।

विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “डीएफपीडी खाद्य तेलों की कीमतों और उपभोक्ता को उनकी उपलब्धता की निगरानी कर रहा है। यह आगामी त्योहारी सीजन के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसके दौरान खाद्य तेलों की मांग बढ़ेगी।”

सरकार द्वारा संचालित विभाग ने कहा कि चूंकि प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में खाद्य तेलों की मांग अलग-अलग थी, इसलिए वे अलग से स्टॉक प्रकटीकरण नोटिस का उल्लेख कर सकते हैं, जो खाद्य तेलों और तिलहन के लिए स्टॉक सीमा को अंतिम रूप देने के लिए जारी किया गया है।

केंद्र पहले ही उच्च कीमतों को कम करने के लिए कई कदम उठा चुका है, जिसमें पाम तेल, सूरजमुखी तेल और सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क में कटौती शामिल है। घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इस साल 31 मार्च तक खाद्य तेल और तिलहन के अधिकांश व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा तय की गई थी।

आयात शुल्क में हालिया कटौती के बाद तेल की कीमतों में 3-4 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। नवंबर 2020 से सितंबर 2021 तक 11 महीने के दौरान, वनस्पति तेलों का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि में 12,257,837 टन की तुलना में 2% बढ़कर 12,470,784 टन हो गया। आयातित कुल वनस्पति तेलों में से खाद्य तेल का आयात 11,950,501 टन से बढ़कर 12,085,247 टन हो गया, जबकि अखाद्य तेल का आयात 307,333 टन से बढ़कर 385,537 टन हो गया।

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