सांसद प्रज्ञा ठाकुर को अजान से आपत्ति: लोगों की नींद हराम होती है

सुबह 5 बजे जोर-जोर से आवाज होने से साधु-संतों की साधना भंग होती है;

भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लिए विवादित बयान देना कोई नई बात नहीं है। अपने बयानों के चलते साध्वी हमेशा ही विवादों और सुर्खियों में रहती ही हैं। भोपाल की भाजपा सांसद को अब सुबह होने वाली अजान से तकलीफ होने लगी है, जिसको लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है। एक कार्यक्रम के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि सुबह 5 बजे जोर-जोर से आवाजें आती हैं। वो आवाज सबकी नींद हराम करती हैं।

सासंद ने भोपाल के बैरसिया में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में कहा- कुछ मरीज भी होते हैं, जिन्हें रात भर नींद नहीं होती हैं, तो उनका ब्लड प्रेशर बढ़ता है। उन्होंने कहा- साधु सन्यासियों का ध्यान साधना का समय भी सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त से होता है, लेकिन किसी को परवाह नहीं है। हम लोगों से कहा जाता है कि दूसरे समुदाय की प्रार्थना के वक़्त तेज आवाज में भजन न बजाए जाएं लेकिन ये लोग रोज सुबह लाउड स्पीकर से लोगों को परेशान करते है।

सांसद ने कहा- वे कहते हैं कि हमारे धर्म में हमारे इस्लाम में किसी धर्म की इबादत सुनना जायज नहीं माना जाता। हिन्दू हर किसी की चिंता करता है हम सर्व धाम समभाव रखते हैं लेकिन कोई दूसरा धर्म ऐसा नहीं कर रहा है। बता दें कि वह पहली ऐसी महिला नहीं हैं जिन्होंने अजान पर आपत्ति जताई हो, बल्कि उनके पहले प्रसिद्ध सिंगर सोनू निगम ने कुछ वर्ष पूर्व अजान को लेकर आपत्ति जताई थी। उस दौरान उन्होंने कहा था , ‘लाऊड स्पीकर की आवाज से सुबह सुबह बहुत परेशानी होती है।’ उनके इस बयान पर खूब विवाद भी हुआ था।

मंदिरों को दान में मिला धन अल्पसंख्यक, विधर्मियों के पास चला जाता है
सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल में 10 अक्टूबर को भारत भक्ति अखाड़ा का कार्यालय के शुभारंभ कार्यक्रम में कहा था कि देश के मंदिरों को सरकार के संरक्षण से मुक्त करना चाहिए। सरकार के संरक्षण के कारण मंदिरों को भक्तों द्वारा दान में मिला धन हिन्दुओं के विकास की जगह अल्पसंख्यक एवं विधर्मियों के पास चला जाता है। हमारे स्थान (मंदिर-मठ) सरकार के कब्जे में रहते हैं। सरकार के संरक्षण में रहते हैं। जिलाधिकारी उसका अध्यक्ष होता है। हिन्दुओं के मंदिर का जो धन है, बड़े-बड़े मंदिरों का जो धन है, वो धन अल्पसंख्यकों को जाता है, विधर्मियों को चला जाता है।

प्रज्ञा के 5 बड़े विवादित बयान
1- शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिया
2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीजेपी से टिकट मिलने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से जो बयान दिया था, वह विवादित हो गया। साध्वी ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर ये बयान दिया था। साध्वी ने कहा था कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था, जिसके कारण करकरे की आतंकवादी हमले में मौत हो गई। हालांकि इस बयान पर साध्वी ने बाद में माफी मांग ली थी।

2- पार्टी ने अनुशासित रहने के लिए कहा
करकरे पर बयान के बाद साध्वी ने बाबरी ढांचे को ढहाने में शामिल होने का बयान दिया, लेकिन इस पर भी विवाद पैदा हो गया। प्रज्ञा ने कहा था, बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं। हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उनको हमने हटा दिया।

3- गोडसे को देशभक्त बताया था
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले प्रचार के दौरान अभिनेता से नेता बने मक्कल नीधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन के ‘देश का पहला आतंकी हिंदू था’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। उन्होंने कहा था- गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे।

4- दिग्विजय सिंह को बता दिया था आतंकवादी
सांसद ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताने वाला बयान दिया था । उन्होंने यह बयान सीहोर में चुनाव प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया, और राजनीति कर लेता इसकी कोशिश नहीं कर पाया। अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है।

5- महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपुत्र’ बताया
भोपाल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद अक्तूबर में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक और विवादित बयान दिया था। इस बार उन्होंने अपने बयान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को राष्ट्रपुत्र बताया। साध्वी ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रपुत्र हैं और हमारे लिए आदरणीय हैं।

खबरें और भी हैं…

Related Articles

Back to top button