पकड़ा गया सचिवालय का दरिंदा, जानिये क्यों और कैसे

आख़िरकार गिरफ़्तार हुआ डर्टी मैन । दरअसल यूपी पुलिस आज कल ट्विटर पर ही रहती है जब तक मामला सोशल मीडिया पर न उछलें वो भी हिलती नही है । बारह दिन पहले एक विडीओ वाइरल हुआ ये विडीओ लखनऊ सचिवालय में तैनात एक महिला संविदाकर्मी से छेड़छाड़ का था. इस वीडियो को खुद महिला ने बनाया था. महिला ने अनु सचिव इच्छाराम यादव पर यौन शोषण का आरोप लगाया. इच्छराम की हरकतें इतनी भद्दी थी कि किसी को भी समझ आ जाए लेकिन यूपी पुलिस विडीओ देख कर भी जमी बेठी थी । कोई ऐक्शन नही लिया । ज़रा सोचिए उस महिला की मनोस्थिति क्या होगी जिसको ये डर्टी मैन रोज़ धमकाता था और विडीओ बनने के बाद भी महिला की सुनवाई नही हुई । तब महिला ने विडीओ सार्वजनिक कर दिया । महिला ने 29 अक्टूबर को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब 12 दिन बाद आरोपी इच्छाराम यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
लखनऊ के हसनगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता अल्पसंख्यक विभाग में संविदा पर तैनात हैं. पीड़िता ने अलसंख्यक कल्याण विभाग में तैनात अनु सचिव इच्छाराम यादव पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. उसका कहना है कि इच्छाराम 2018 से लगातार छेड़छाड़ करता है.

छेड़छाड़ की हद पार हो गयी, तब पीड़िता ने आरोपी अनुसचिव का वीडियो बना लिया, जिसमें साफ तौर से देखा जा सकता है, आरोपी अनुसचिव युवती के साथ छेड़छाड़ करता नजर आ रहा है और महिला बचने का प्रयास कर रही है, लेकिन आरोपी जबरदस्ती करता है. पीड़िता ने आरोप लगाया कि विरोध पर नौकरी से निकलवाने की धमकी दी जाती रही है.

पीड़िता ने हुसैनगंज थाने में केस दर्ज कराया है. एडीसीपी सेंट्रल ख्याति गर्ग के मुताबिक, इस पूरे मामले में मुकदमा 29 अक्टूबर को दर्ज किया जा चुका है और आगे की विवेचना प्रचलित है, इस महिला को बयान दर्ज करने के लिए दो-तीन बार बुलाया गया है, दोनों तरफ के जो भी साक्ष्य होंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
लेकिन सवाल ये है कि यूपी पुलिस जो झूठी कहानिया बनाने में गुणवान है उसको सामने दिख रहा विडीओ भी समझ नही आया और बारह दिन तक बेठी रही लेकिन कुछ ही घंटो में ट्विटर पर वाइरल होते ही पुलिस को गिरफ़्तारी करनी पड़ी

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