पीएम मोदी कानपुर मेट्रो की दी बड़ी सौगात, योगी और हरदीप के साथ की सवारी

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर पहुंच गए हैं। चकेरी एयरपोर्ट से IIT के दीक्षांत समारोह में पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर मेट्रो का शुभारंभ किया। वह खुद आईआईटी से गीता नगर स्टेशन तक मेट्रो से सफर किया। इसके साथ ही निराला नगर रेलवे मैदान में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और रैली को संबोधित करेंगे। मोदी थोड़ी देर में कानपुर पहुंचेंगे और दोपहर 3:20 बजे वापस दिल्ली लौटेंगे। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहेंगे।

गीता नगर स्टेशन में रुकी मेट्रो। यहां से प्रधानमंत्री रैली स्थल निराला नगर सड़क मार्ग से रवाना होंगेसभी आईआईटी मेट्रो स्टेशन से गीता नगर मेट्रो स्टेशन तक जाएंगे। इससे पहले मोदी ने सीएम के साथ मेट्रो प्रदर्शनी और उसकी खूबियां जानीं।

जो लोग चुनौती से भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं

आज से शुरू हुई यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताएंगे, लेकिन मेरी सलाह यही होगी कि आप कंफर्ट मत चुनना, चुनौती जरूर चुनना। क्योंकि, आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियां आनी ही हैं। जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं

भारत तीसरा सबसे बड़ा यूनीकॉर्न देश हैः मोदी   

कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियां ग्लोबल बनें, भारत के उत्पाद ग्लोबल बनें।जो आईआईटी को जानता है, यहां के टैलेंट को जानता है, यहां के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है, वो ये विश्वास करता है ये आईआईटी के नौजवान जरूर करेंगे। आज भारत दुनिया का दूसरा स्टार्ट हब बनकर हब बनकर उभरा। तीसरा सबसे बड़ा यूनीकॉर्न देश बन गया है।

 हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा :मोदी

मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी Destiny तक कैसे पहुंचेगा।
जब देश की आजादी को 25 साल हुए, तब तक हमें भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था।

आईआईटी के 54वें दीक्षांत समारोह में युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह प्रौद्योगिकी संचालित है। इस दशक में भी तकनीकी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। अब बिना तकनीक के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। ये जीवन और तकनीक की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे।

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