“पायलट” ने बस 20 सेकेंड मांगे, फिर क्यों 1 सेकेंड में क्रैश हुआ एयरफोर्स का जहाज़!

भारतीय वायुसेना का हाल ही में अरुणांचल प्रदेश की पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त परिवहन विमान एएन-32 क्या पायलट की छोटी सी चूक से पहाड़ से टकराकर जमीदोज हो गया था ? वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि विमान को मुख्य कप्तान फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित के गर्ग उड़ा रहे थे। गलती से वे दूसरी घाटी में दाखिल हो गए। उस वक्त जहाज आठ हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। सामने जो पहाड़ी थी उसकी ऊंचाई 12250 फुट थी। उन्होंने विमान को ऊंचा उठाने की कोशिश की और वह उसे 12 हजार फुट की ऊंचाई पर ले जाने में कामयाब रहे। लेकिन विमान को और ऊंचा यानी कि सिर्फ 250 फुट और उठाने का वक्त नहीं मिला। विमान को सिर्फ 20 सेकंड और मिल जाता तो वह पहाड़ी को पार करने में सफल हो जाता। खास बात यह है कि जिस घाटी में विमान में दाखिल हुआ था, वहां उसे वापस मोड़ने भर की जगह नहीं थी।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित के गर्ग पंजाब के पटियाला ज़िले के छोटे से शहर समाणा के रहने वाले थे । घटना का पता लगते ही मोहित के पिता चार जून को असम चले गए थे। वे शुक्रवार की सुबह ही असम से लौटे हैं। एएन32 के लापता होने की ख़बर परिवार को टीवी से मिली थी। मोहित के पिता बताते हैं, “मेरे किसी दोस्त का फ़ोन आया कि असम में एक जहाज़ लापता हो गया। उसको पता था कि मेरा बेटा वहाँ तैनात है। वो कोई तीन बजे का वक़्त था। मैंने फ़ौरन अपनी बहू से फ़ोन पर बात की | उसे भी नहीं पता था कि मोहित उस जहाज़ में है।”

एएन-32 पर सवार सभी 13 वायुसेना कर्मियों की मौत की पुष्टि के साथ ही सोनीपत के कोहला गांव के पंकज सांगवान के मां-बाप की उम्मीदें ध्वस्त हो गईं। कोहला गांव सोनीपत के गोहाना शहर के पास मौजूद है। तीन जून की शाम आठ बजे भारतीय वायुसेना के कमांडर एसके वर्मा ने पंकज के पिता राजबीर सांगवान को फ़ोन कर बताया कि एएन-32 एयरक्राफ्ट लापता हो गया है। इसमें पंकज सहित 13 वायुसेना कर्मी सवार थे। पंकज ने दो जून को आखिरी बार फोन किया था और अपनी मां से करीब 20 मिनट तक बात की थी। पंकज इस दौरान काफी खुश थे और उन्होंने बताया था कि 17 दिनों की छुट्टी मिल गई है। वे 27 जून को आने वाले थे। घर वालों को उनके छुट्टी पर आने का इंतज़ार था। पंकज तीन जून को जोरहाट वायुसेना स्टेशन पर तैनात थे, जब वे अरुणांचल जाने के लिए एएन-32 पर सवार हुए थेअरुणांचल
भारतीय वायु सेना ने मारे गए सभी सैन्यकर्मियों के नाम भी बताए हैं | ये हैं- विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वॉडर्न लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर. थापा, आशीष तंवर, एस. मोहंती, मोहित के. गर्ग, वॉरंट ऑफिसर के.के. मिश्रा, सार्जेन्ट अनूप कुमार, कोर्पोरेल शेरिन, एयर क्राफ़्टमैन एस.के. सिंह और पंकज के अलावा दो अन्य सैन्यकर्मी पुताली और राजेश कुमार थे।

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