बिना कनेक्शन के बिजली का बिल, कानपुर के इस गांव का दुर्भाग्य बनी सौभाग्य योजना

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक ऐसा भी गांव है जिस गांव के लोगों को बिजली का बिल भरने से परेशानी हो रही है। इन लोगों के लिए सरकार की सौभाग्य योजना एक श्राप सी बन गई है। लोग गाँव में बिना कनेक्शन के भी बिजली का बिल जमा करने को लोग मजबूर है। इतना ही नही बिल न जमा करने पर अधिकारी जेल भेजने की धमकी देते है।

कानपुर महानगर सचेंडी थाना क्षेत्र के नकटू गांव के लोग भ्रष्टाचार से बेहद परेशान है। ग्रामीणों का आरोप है कि मोदी सरकार ने हमारे गांव को सौभग्य योजना के रूप में आशीर्वाद दिया था। लेकिन दक्षिणांचल केसा के अधिकारियो की लापरवाही से ये योजना हमारे गांव पर श्राप की तरह साबित हो रही है। गाँव में बिजली का कनेक्शन नहीं है। लेकिन फिर भी सभी ग्रामीणों को हर महीने बिजली के बिल के रूप में मोटी रकम भरनी पड़ती है। लोगों का कहना है कि पहले ही गरीबी से ग्रस्त पूरा गांव इतना ज्यादा बिल भरने में सक्षम नहीं है। इससे परेशान होकर अब ग्रामीण विरोध प्रदर्शन में नारेबाजी करने लगे हैं।

ये है पूरा मामला

आपको बता दे कि इस गांव में सौभाग्य योजना के तहत सरकार ने घर घर फ्री मीटर लगाने का आदेश दिया था। करीब सवा साल पहले केसा ने लोगों के घर पर तो मीटर लगाने के साथ कनेक्शन भी कर दिया। लेकिन कुछ लोगो के यंहा मीटर लगाने के बावजूद कनेक्शन नहीं किया गया। फिर भी लोगों के घर पर 7 हजार, 8 हजार, 10 हजार के बिल भेज दिए गए। शिकायत करने पर अधिकरियों ने उनके खिलाफ नोटिस भेज दिया। साथ ही लोगों को जल्द से जल्द बिल जमा करने, नहीं तो जेल जाने को तैयार रहने की धमकी दी।

सौभाग्य योजना बनी मनहूस

बता दें कि गाँव के गरीब लोग घर में फ्रिज या कूलर खरीदने तक में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में कई हज़ार के बिल भरने के लिए हर महीने धनराशि लाना इनके लिए मुसीबत बन चुकी है। लोगों का सवाल है कि बिना कनेक्शन के वो बिल किस बात का भरा। वहीँ दक्षिणांचल केसा के कर्मचारी आते है और जेल भेजने की धमकी देते है। यहाँ तक कि अधिकारी गाँव के प्रधान तक की बात सुनने को तैयार नहीं है। हम लोगो के लिये सरकार की ये सौभाग्य योजना असौभाग्य योजना साबित हो रही है । वहीँ दक्षिणांचल केसा के अभियंता गौरव कुमार ने ऐसी किसी बात से इंकार किया। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कोई समस्या है तो ग्रामीण उनके दफ्तर आ सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों की समस्या का निदान करने और एक टीम गठित करके जांच कराने का भी आश्वासन दिया।

मोहम्मद असलम की रिपोर्ट

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