पाकिस्तान ने की थी प्रियंका चोपड़ा पर कार्यवाही की मांग, यूनिसेफ ने लगाई लताड़

पाकिस्तान की बौखलाहट का असर बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा तक आ पहुंचा है। बेबुनियाद मामले को मुद्दा बना कर पाकिस्तान UNICEF से प्रियंका चोपड़ा को यूएन की गुडविल एंबेसडर फॉर पीस के पद से हटाने की मांग कर रहा है। बॉलीवुड के कई सितारे इस मामले में प्रियंका के समर्थन में आगे आए हैं। वहीं कई दिनों से मामले पर चुप्पी साधे UNICEF के प्रवक्ता ने भी अब बयान दे दिया है।

UNICEF के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने बयान में प्रियंका चोपड़ा के मुद्दे को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, ‘जब यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर्स अपनी व्यक्तिगत क्षमता में बोलते हैं, तो वे उन मुद्दों के बारे में बोलने का अधिकार रखते हैं जो उनकी रुचि और चिंता से जुड़े होते हैं। उनके निजी विचार और एक्शन यूनिसेफ को प्रभावित नहीं करते हैं। जब वे यूनिसेफ की तरफ से बोलते हैं तब हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे यूनिसेफ की निष्पक्ष नीति पर अडिग रहे।’ यूएन के गुडविल एंबेसडर फॉर पीस के रोल बताते हुए कहा कि ”यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर वे अहम लोग हैं जो अपना समय और अपनी पब्लिक प्रोफाइल का बच्चों के अधिकारों को प्रमोट करने के लिए वॉलंटियर करते हैं।”

बालाकोट एयरस्ट्राइक पर किया था ट्वीट

दरअसल मामला बालाकोट हमले के बाद प्रियंका चोपड़ा के ट्वीट से सम्बंधित है। एक इवेंट में पाकिस्तान की एक महिला ने प्रियंका चोपड़ा पर बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद किए ट्वीट पर सवाल उठाए थे। उन्होंने प्रियंका पर यूएन की गुडविल एम्बेस्डर होने के नाते किसी देश की बेइज़्ज़ती करने का हक़ न होने की बात थी। हालाँकि प्रियंका ने समझदारी दिखाते हुए सफाई दे दी थी। पर मामले को मुद्दा बनाते हुए पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री डॉक्टर शिरीन एम मजारी ने यूनिसेफ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को खत लिख दिया। आपको बता दें कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद प्रियंका चोपड़ा ने ट्वीट कर जय हिंद लिख तिरंगे का इमोजी बनाया था।

खत में यूएन की गुडविल एंबेसडर फॉर पीस के पद के लिहाज से प्रियंका के इस स्टैंड की आलोचना की गई। शिरीन एम मजारी ने यूनिसेफ को भेजे खत में लिखा- ”प्रियंका ने सार्वजनिक तौर पर भारत सरकार की मौजूदा स्थिति को एंडोर्स किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री द्वारा पाकिस्तान को दी गई न्यूक्लियर की धमकी का सपोर्ट किया है। ये सभी शांति और सद्भाव के सिद्धांतों के खिलाफ है। कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन करने को लेकर भी प्रियंका चोपड़ा मोदी सरकार का समर्थन कर रही हैं। ये सब प्रियंका को यूएन में दिए गए पद पर उनकी विश्वसनीयता को कम करता है। अगर प्रियंका को जल्द से जल्द पद से नहीं हटाया गया तो ये वैश्विक स्तर पर यूएन गुडविल एंबेसडर को हास्यास्पद बना देगा।”

13 सालों से जुडी प्रियंका

आपको बता दें प्रियंका चोपड़ा 2006 से UNICEF के साथ मिलकर बच्चों के अधिकार को लेकर दुनिया भर में काम कर रही हैं। इसी के चलते उन्हें 2016 में ग्लोबल गुडविल एम्बेसडर चुना गया था। इसके अलावा फोर्ब्स ने उन्हें 2017 और 2018 में दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओ में शामिल किया था।

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