Air Strike से पहले सेना ने क्यों लिखा “प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:”? बाद में लिखा – “न्याय हुआ… जय हिंद!”

नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति “जीरो टॉलरेंस” की है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के 15वें दिन भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ बड़े आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। इस अभूतपूर्व सैन्य कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण केंद्रों को तबाह कर दिया गया।
भारतीय सेना की सटीक और संयोजित रणनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में तीनों सेनाओं—थल सेना, वायुसेना और नौसेना—का तालमेल देखने को मिला। आधी रात एक बजकर पांच मिनट से लेकर एक बजकर 30 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर लगभग 100 किलोमीटर तक घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसमें पाकिस्तान के भीतर स्थित बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, शकरगढ़ जैसे स्थानों के साथ-साथ पीओके के कोटली, गुलपुर, बाघ, भिंबेर और मुजफ्फराबाद शामिल रहे।
हाफिज और मसूद के ठिकानों पर भी हमला
भारतीय खुफिया एजेंसियों की पुख्ता जानकारी के आधार पर इन ठिकानों का चयन किया गया था। इन हमलों में हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा और मसूद अजहर के जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप शामिल थे। मुजफ्फराबाद के शवाई नाला और सैयदना बिलाल कैंप, कोटली के गुलपुर कैंप, और भिंबेर के बरनाला कैंप जैसे स्थानों पर विशेष रूप से हमले किए गए, जो आतंकियों के लॉन्च पैड और विस्फोटक भंडारण केंद्र थे।
सोशल मीडिया पर सेना की चेतावनी और जीत का ऐलान
वहीं, सेना ने हमले से पहले सोशल मीडिया पर लिखा—“Ready to Strike… Trained to Win”, और फिर कुछ ही देर बाद, जब स्ट्राइक पूरी हो गई, तो संदेश आया—“न्याय हुआ… जय हिंद!”। यह सेना का सीधा और स्पष्ट संदेश था कि आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा।
“प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:” – इसका अर्थ और महत्व
“प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:” का अर्थ है “प्रहार के लिए सन्नद्ध, विजय के लिए प्रशिक्षित।”
अर्थात हम हमला करने के लिए तैयार हैं और जीत के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित हैं।
सेना ने यह संदेश क्यों दिया?
यह संस्कृत वाक्य भारतीय सेना की मानसिक तैयारी और प्रोफेशनल अप्रोच को दर्शाता है। इसे ऑपरेशन से ठीक पहले सोशल मीडिया पर साझा करना एक सुनियोजित मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक संदेश था — न केवल दुश्मन के लिए, बल्कि देशवासियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी।
- दुश्मन को संदेश: यह लाइन पाकिस्तान और आतंकियों को साफ बता रही थी कि भारत अब केवल सहन करने वाला देश नहीं है, बल्कि जरूरत पड़ने पर प्रहार करने में भी सक्षम और तैयार है।
- देशवासियों को आश्वासन: यह वाक्य देश की जनता को यह विश्वास दिलाता है कि सेना न केवल सतर्क है, बल्कि हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है।
- मनौवैज्ञानिक युद्ध: यह एक रणनीतिक साइकोलॉजिकल वॉरफेयर है, जहां शब्दों के जरिए भी दुश्मन की हिम्मत तोड़ी जाती है।
इस वाक्य का भावात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव
यह संस्कृत श्लोक केवल एक मिलिट्री स्लोगन नहीं है, यह भारत की सैन्य परंपरा, गौरव और धर्म-युद्ध की भावना को भी जोड़ता है। जब सेना यह कहती है, तो वह सिर्फ हथियारों से नहीं, धार्मिक-सांस्कृतिक संकल्प से भी जुड़कर आतंक के खिलाफ युद्ध छेड़ती है।
आधे घंटे तक गूंजते रहे लड़ाकू विमान
इस ऑपरेशन के दौरान कश्मीर के आसमान में आधे घंटे तक लड़ाकू विमानों की गर्जना सुनाई देती रही। चार विमानों ने फॉर्मेशन बनाकर एक के बाद एक ठिकानों पर मिसाइलें दागीं। पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि इस स्ट्राइक में लगभग 30 लोग मारे गए और 25 घायल हुए हैं। उनका यह भी कहना है कि पाकिस्तान के छह स्थानों पर कुल 24 मिसाइलें दागी गईं।
बालाकोट के छह साल बाद पाकिस्तान को फिर झटका
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक की याद ताज़ा कर दी। पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था। अब छह साल बाद, भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आतंक के हर चेहरे को माकूल जवाब मिलेगा।