पाकिस्तान में 100 किलोमीटर भीतर दागी मिसाइलें, 1971 के बाद पहली बार इंडियन आर्मी घुसी इतने अंदर

भारत ने एक बार फिर अपने नागरिकों की सुरक्षा और राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया।

बुधवार को केंद्र सरकार और सेना की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस ऑपरेशन से जुड़े अहम खुलासे किए गए। सेना की दो महिला अधिकारी — कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह — ने इस ऐतिहासिक ऑपरेशन की जानकारी साझा की।

1 बजकर 5 मिनट से 30 मिनट तक चला ऑपरेशन

कर्नल सोफिया ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को 1:05 AM से 1:30 AM के बीच अंजाम दिया गया। इस दौरान पाकिस्तान की सीमा के अंदर 100 किलोमीटर तक मिसाइल हमले किए गए और कुल 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इसमें पाकिस्तान के भीतर 4 और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में 5 ठिकाने शामिल थे।

लश्कर और जैश के अड्डे बने निशाना

कर्नल सोफिया कुरैशी ने पीओके और पाकिस्तान के जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनके बारे में विस्तार से बताया। मुजफ्फराबाद में स्थित शवाई नाला कैंप लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य प्रशिक्षण केंद्र है, जहां गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम हमलों के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के सैयदना बिलाल कैंप को भी निशाना बनाया गया, जो हथियार, IED और विस्फोटकों का भंडार था।

कोटली, भिम्बेर और गुलपुर में तबाही

सेना ने एलओसी से 30 किलोमीटर अंदर कोटली स्थित गुलपुर कैंप पर भी स्ट्राइक की, जो पुंछ और तीर्थयात्रा बस हमलों से जुड़े लश्कर आतंकियों का गढ़ था। भिम्बेर स्थित बरनाला कैंप, जो IED सप्लाई और हथियारों का मुख्य केंद्र था, उसे भी ध्वस्त कर दिया गया। इसके अलावा कोटली में एक और लश्कर फिदायीन ट्रेनिंग कैंप को भी खत्म किया गया, जिसमें एक साथ 15 आत्मघाती हमलावरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था।

खुफिया सूचनाओं के आधार पर चुने गए लक्ष्य

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि यह पूरा ऑपरेशन बेहद सुनियोजित था। सभी लक्ष्यों की पहचान विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर की गई थी। इस दौरान यह विशेष ध्यान रखा गया कि किसी भी रिहायशी इलाके या आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे।

पहलगाम आतंकी हमले का लिया गया बदला

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया। इस हमले में 25 भारतीय और एक विदेशी नागरिक की बेरहमी से हत्या की गई थी। हमलावरों ने पीड़ितों के परिजनों के सामने उनके सिर पर गोली मारी और वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया। इस हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की शांति, पर्यटन और सामाजिक समरसता को बाधित करना था।

पाकिस्तान की भूमिका पर अंतरराष्ट्रीय चिंता

भारत सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह हमला पाकिस्तान के उस लंबे इतिहास का हिस्सा है, जिसमें वह आतंकियों को प्रशिक्षण, संरक्षण और संसाधन देता रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में साजिद मीर जैसे आतंकियों का भी उल्लेख हुआ, जिन्हें पाकिस्तान ने पहले मृत बताया लेकिन बाद में अंतरराष्ट्रीय दबाव में उन्हें जीवित पाया गया।

भारत ने किया आत्मरक्षा का प्रयोग, संयम के साथ की कार्रवाई

विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत आत्मरक्षा का अधिकार प्रयोग करते हुए यह हमला किया। यह कार्रवाई नपी-तुली, असंवैधानिक उकसावे से मुक्त और सीमित रही। भारत ने स्पष्ट किया कि उसने किसी पाकिस्तानी सैन्य शिविर को निशाना नहीं बनाया बल्कि केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया।

आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति

‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह भारत की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संदेश है। यह पहली बार है जब भारत की सेना ने इतने गहरे स्तर पर जाकर आतंक के स्रोतों को समाप्त करने का काम किया है। इससे न केवल आतंकियों को सीधा संदेश गया है, बल्कि विश्व समुदाय के सामने भी भारत की नीतिगत गंभीरता स्पष्ट हुई है।

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